वायु प्रदूषण से स्तर कैंसर का खतरा
वायु प्रदूषण की वजह से हर 9वें शख्स को कैंसर की बीमारी हो सकती है। दुनियाभर में ज्यादातर महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर जैसी बीमारी से पीड़ित हैं। अलग-अलग लोगों में ब्रेस्ट कैंसर के अलग-अलग लक्षण होते हैं। कुछ लोगों में शुरुआती लक्षण बिल्कुल भी दिखाई नहीं देते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 1965 और 1985 के बीच स्तन कैंसर की घटनाओं में 50 फीसद की वृद्धि हुई। भारत में 2020 के ग्लोबोकैन डेटा के अनुसार, स्तन कैंसर सभी कैंसर के मामलों में 13.5 फीसद और 10.6 फीसद था। सभी मौतें। अध्ययनों का अनुमान है कि वर्ष 2030 तक स्तन कैंसर का ग्लोबल डेटा लगभग 20 लाख से अधिक होने की उम्मीद है।
नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के जर्नल में पब्लिश रिसर्च के मुताबिक उन लोगों में 8 प्रतिशत कैंसर का जोखिम बढ़ा है, जो 2.5 हाई पीएम वाले क्षेत्र में रह रहे हैं। रिसर्च में यह भी खुलासा हुआ है कि 20 साल के रिसर्च में 5 लाख महिलाओं और पुरुषों पर यह रिसर्च किया गया। जिसमें पाया कि 15 हजार 870 मामले ब्रेस्ट कैंसर के पाए गए। वायु प्रदूषण की वजह से हर 9वें शख्स को कैंसर की बीमारी हो सकती है। दुनिया भर में ज्यादातर महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर जैसी बीमारी से पीड़ित हैं। वहीं दूसरी ओर इस बात के सबूत भी मिले हैं कि महिलाओं में जितनी तेजी से ब्रेस्ट कैंसर की बीमारी फैल रही है उसका एक कारण एयर पॉल्यूशन भी हो सकता है। एयर पॉल्यूशन ब्रेस्ट कैंसर जैसी बीमारी का जोखिम तो बढ़ाता ही है साथ ही पार्टिकुलेट मैटर पीएम 2.5 और पीएम 10 जो समय से पहले दिल का दौरा और स्ट्रोक मौत का कारण बन सकता है। श्अमेरिका और फ्रांसश् में हुए दो इंटरनेशनल रिसर्च से पता चला है कि घर के अंदर और बाहर पार्टिकुलेट मैटर के कॉन्टैक्ट में आने से ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम बढ़ता है। ऐसे कई रिसर्च सामने हैं जिसमें साफतौर पर माना गया कि पीएम 2.5, सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड और कुछ कार्बनिक गैसों के कारण वातावरण में कई
तरह के केमिकल रिएक्शन हो रहे हैं। जो बीमारी और समय से पहले मौत का कारण बन रहे हैं। (हिफी)