लेखक की कलमस्वास्थ जगत

स्वास्थ्य सेवा में यूपी का रिकार्ड

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)

योगी सरकार ने स्वास्थ्य सेवा में एक कीर्तिमान स्थापित किया है। उत्तर प्रदेश में 4 करोड़ से ज्यादा आयुष्मान कार्ड जारी हुए हैं। दूसरे स्थान पर मध्य प्रदेश है जहां 3 करोड़ 70 लाख आयुष्मान कार्ड जारी हुए हैं।

बीमारियां नया-नया रूप धारण करती रहती हैं। बड़ी मुश्किल से कोरोना जैसी महामारी का प्रकोप कम हुआ लेकिन उसके दुष्परिणाम अब भी लोग झेल रहे हैं। खान-पान की अनियमितता और जलवायु प्रदूषण के चलते भी बीमारियों से हर मौसम मंे परेशानी होती है। अस्पताल और चिकित्सक दोनों बढ़े हैं लेकिन अस्पतालों मंे भीड़ कम नहीं हुई। ऐसे हालात में केन्द्र और राज्य सरकारों की भूमिका बढ़ जाती है। केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने गरीब लोगों को मुफ्त एवं उच्च गुणवत्ता वाला इलाज उपलब्ध कराने के लिए ही आयुष्मान भारत योजना शुरू की। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने गरीबों को यह सुविधा उपलब्ध कराने के लिए विशेष प्रयास किया है। पात्र लाभार्थियों के लिए शत-प्रतिशत कार्ड जारी कराने के लिए विशेष अभियान चलाए गये। इसका नतीजा रहा कि देश मंे सबसे ज्यादा हेल्थ कार्ड
जारी हुए हैं। योगी सरकार ने स्वास्थ्य सेवा मंे एक कीर्तिमान स्थापित किया है। उत्तर प्रदेश में 4 करोड़ से ज्यादा आयुष्मान कार्ड जारी हुए हैं। दूसरे स्थान पर मध्य प्रदेश है जहां 3 करोड़ 70 लाख आयुष्मान कार्ड जारी हुए हैं।

उत्तर प्रदेश ने अब तक आयुष्मान भारत योजना के तहत 4 करोड़ 15 लाख 41 हजार 992 से हेल्थ कार्ड जारी कर पहला स्थान हासिल कर लिया है। यूपी के बाद दूसरा नंबर मध्य प्रदेश, तीसरा छत्तीसगढ़, चैथा कर्नाटक और पांचवें नबंर पर आंध्र प्रदेश आता है। स्टेट एजेंसी फॉर कॉम्प्रिहेंसिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज की सीईओ संगीता सिंह ने कहा कि इसका उद्देश्य राज्य के गरीब लोगों को मुफ्त और उच्च गुणवत्ता वाला इलाज प्रदान करना है। उन्होंने आगे कि यूपी समय समय पर आयुष्मान कार्ड के लिए विशेष अभियान चलाया जाता है, जिसकी वजह से राज्य में 70 प्रतिशत पात्र परिवारों को आयुष्मान कार्ड जारी किये जा चुके हैं।

यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने पात्र लाभार्थियों के लिए शत-प्रतिशत कार्ड जारी करना सुनिश्चित करने के लिए विशेष अभियान चलाए हैं। इलाज में किसी तरह की परेशान न हो इससे बचने के लिए प्रदेश के 3,662 अस्पतालों को आयुष्मान कार्ड से जोड़ा गया है, जिनमें 1,118 सरकारी अस्पताल और 2,544 निजी अस्पताल शामिल हैं। सरकार की तमाम प्रयासों और कार्यक्रमों के चलते आज उत्तर प्रदेश आयुष्मान कार्ड जारी करने में पहले स्थान पर पहुंच गया है। दूसरे नंबर पर मध्य प्रदेश है, जहां पर 3 करोड़ 70 लाख कार्ड जारी किए गए हैं। तीसरे स्थान पर छत्तीसगढ़ हैं जहां, 2 करोड़ 3 लाख कार्ड और इसके बाद 1 करोड़ 51 लाख आयुष्मान हेल्थ कार्ड के साथ कर्नाटक चैथे नंबर पर और आंध्र प्रदेश पांचवें नंबर है, जहां 1 करोड़ 40 लाख आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं।

उत्तर प्रदेश में लोगों को आसानी से स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए राज्य सरकार की ओर से मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना भी चलाई जा रही है। वहीं केंद्र सरकार की ओर से आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना पहले से ही चल रही है। फिलहाल अभी तक राज्य में इन योजनाओं के तहत आठ करोड़ लाभार्थियों में से 4.15 करोड़ लाभार्थियों के ही कार्ड बनवाए गए हैं। ऐसे में अब विशेष अभियान के जरिए आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं। चिकित्सा और स्वास्थ्य के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने तेजी से आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए निर्देश दिए हैं जिसके तहत अब शहरी क्षेत्रों में वार्ड और ग्रामीण क्षेत्र में प्रत्येक ग्राम पंचायत में शिविर लगाकर स्वास्थ्य कर्मी लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बना रहे हैं। चिकित्सा और स्वास्थ्य के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने इस काम की निगरानी के लिए हर ब्लाक में नोडल टीम का गठन किया है। नोडल टीम का गठना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) के प्रभारी चिकित्साधिकारी की अध्यक्षता में गठित की गई हैं। जिनका उद्देश्य 31 दिसंबर तक आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बनाना है। चिकित्सा और स्वास्थ्य के प्रमुख सचिव के निर्देश के अनुसार परिवार के सबसे बुजुर्ग शख्स को भी इस योजना के तहत जोड़ा जाएगा और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम की पात्रता सूची में शामिल उन परिवार को भी जोड़ा जाएगा, जिनमें छह या उससे अधिक सदस्य हैं। एक जानकारी के अनुसार राज्य में ऐसे 3।18 करोड़ लाभार्थी हैं जिनमें से सिर्फ एक करोड़ का ही आयुष्मान कार्ड बनाया गया है। फिलहाल चिकित्सा और स्वास्थ्य के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा के निर्देश के अनुसार अब बाकियों को भी इस योजना से जोड़ना का काम तेजी से किया जा रहा है। एक आंकड़े के अनुसार आयुष्मान योजना के जरिए अभी तक 1.18 लाख कैंसर रोगियों का इलाज हुआ है। आयुष्यमान भारत योजना के तहत अब बोनमैरो ट्रांसप्लांट भी हो सकेगा। पहले इस योजना के तहत किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा दी गई थी जिसे पिछले वर्ष जोड़ा गया था। नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के कार्यकारी निदेशक डॉ शंकर प्रिंजा ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि आयुष्यमान भारत योजना के तहत अब बोनमैरो ट्रांस्प्लांट भी किया जाएगा। बहुत जल्द इसे शुरू किया जाएगा।

नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के कार्यकारी निदेशक डॉ शंकर प्रिंजा ने बताया कि बोनमैरो ट्रांसप्लांट काफी महंगा है। इसमें लाखों रुपये का खर्च आता है। इतने महंगे इलाज को सामान्य परिवार नहीं करवा पाते हैं। इसे देखते हुए बोने मैरो ट्रांसप्लांट की सुविधा इस योजना के तहत दी गई है। अब हड्डी के चोट के रोगी देशी या विदेशी कोई भी इम्पलांट लगवा सकेंगे। आपको बता दें कि आयुष्यमान भारत योजना के तहत पिछले साल ही किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा दी गई थी। डॉ. शंकर प्रिंजा ने बताया कि आयुष्यमान भारत योजना के अंतर्गत अब हृदय, मानसिक और न्यूरो के इलाज में नए पैकेज शुरू किए गए हैं। इन नए पैकेज के जुड़ने के बाद से आम लोगों को काफी राहत मिलेगी। दरअसल इन बीमारियों के इलाज में लाखों रुपये का खर्च आता है पर सामान्य परिवार के लिए इतना महंगा इलाजा करवाना संभव नहीं हो पाता है। अब इस योजना के तहत इन पैकेज को जुड़ने से सामान्य इंसान भी अपना इलाज आसानी से करवा सकेंगे। इस साल आयुष्यमान भारत योजना के तहत 365 प्रोसीजर जोड़े गए हैं। वहीं इस योजना के तहत शुरू की गई किडनी ट्रांस्प्लांट की सुनिधा शुरू की जा चुकी है। उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में अब मरीजों की लंबी लाइनें नहीं लगेंगी। स्वास्थ्य विभाग ने अब सरकारी अस्पतालों के ओपीडी में टोकन सिस्टम लागू करने जा रहा है। (हिफी)

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