दिल की बीमारी पड़ रही भारी
(मनोज कुमार अग्रवाल-हिफी फीचर)
बीती 7 जून को जामनगर गुजरात के दिल की बीमारी के मशहूर डॉक्टर गौरव गांधी की हार्ट अटैक से मौत हो गई। बताया जाता है कि उन्होंने अपने मेडिकल करियर में 16000 मरीजों की हार्ट सर्जरी की थी। वह सिर्फ 41 वर्ष के थे। उनको कारडिक अरैस्ट हुआ।
उत्तर प्रदेश के बहराइच में 30 मई को बारात ले जाने के लिए तैयार हो रहे दूल्हे को हार्ट अटैक आ गया परिजन उसे तुरंत अस्पताल लेकर पहुंचे लेकिन जान नहीं बच सकी।
ग्रेटर नोएडा में 17 मई को हार्ट अटैक से एक 15 साल के स्कूली बच्चे की मौत हो गई। ऐसा बताया जा रहा है कि बच्चा जब घर लौट रहा था, तभी उसे दिल का दौरा पड़ा। वह अचानक बेहोश होकर गिर पड़ा।इसके बाद उसे अस्पताल में डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। वह कक्षा आठवीं का छात्र था।
मप्र के भिंड के जिला अस्पताल में 23 जून को गंभीर हालत में लाए गए 10 साल के बच्चे की मौत हो गई। जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने हार्ट अटैक की वजह से मौत होने की बात कही। हाल ही में शादी पार्टी में डांस करते हुए, मंदिर में पूजा करते हुए, जिम में व्यायाम करते हुए, राह चलते हुए अचानक हार्ट अटैक की घटनाओं की लम्बी श्रृंखला सामने आ रही है। इन घटनाओं में किशोर युवा व मध्य आयु वर्ग के अनेक लोगों ने जान गंवाई है और इन में आम तौर पर अधिकांश को हार्ट की बीमारी की कोई हिस्ट्री भी नहीं थी।
हाल ही में 25 से 35 और 45-48 आयुवर्ग के युवाओं में हार्ट अटैक से मौत होने के मामलों की झड़ी लगी है। पिछले साल मशहूर सिंगर केके व अभिनेता सिद्धार्थ शुक्ला की मौत की वजह भी हार्ट अटैक बना था। आम हो या खास हार्ट की बीमारी किसी को नहीं बख्श रही है।
दुनिया में हार्ट अटैक से यकायक बढ़ रहे मौत के आंकड़े चिंता बढ़ाने वाले है। इससे भी चिंता जनक यह है कि पहले हार्ट अटैक में जान गंवाने के मामले लगातार बढ़ रहे है। हालांकि कुछ जानकार इसके पीछे कोरोना की बीमारी व इलाज में इस्तेमाल दवा व स्टेरॉयड के दुष्प्रभाव को जिम्मेदार ठहराते है। रिपोर्ट बताती हैं कि दुनिया में एक तिहाई मौत के लिए जिम्मेदार हृदय से संबंधित बीमारियां हैं। जरा सी लापरवाही कभी भी दिल को जोखिम में डाल सकती है। अनियमित दिनचर्या और असंतुलित खान-पान आलसी लक्जरी लाइफ स्टाइल दिल पर भारी पड़ रही है। इसके चलते लोगों को हार्ट स्ट्रोक, हार्ट अटैक, हाई बीपी, हार्ट क्लाटिंग कारडिक अरैस्ट जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यहां यह भी गौरतलब है कि हार्ट अटैक से मरने वालों में 85 फीसदी पुरुष होते हैं। भारत में हार्ट अटैक से मरने वालों में 10 में से 4 की उम्र 45 साल से कम है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार विभिन्न बीमारियों के चलते होने वाली मौतों में दिल की बीमारी सब पर भारी है इससे सर्वाधिक मौते हुईं हैं। हार्ट डिसीज के चलते हर साल दुनिया में करीब दो करोड़ लोग मर रहे हैं। संगठन का कहना है कि कार्डियोवास्कुलर डिसीजेज इसकी बड़ी वजह है। हर पांच में चार मौत हार्ट अटैक या स्ट्रोक के कारण होती है। एक तिहाई लोगों की मौत इसकी वजह से 70 साल की उम्र से पहले हो जाती है। रिपोर्ट बयान करती है कि भारत में हर चार बीमारियों से होने वाली मौतों में एक मौत हार्ट अटैक से होती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक अब शहरी लोगों से ज्यादा गांव के लोग इस बीमारी से ग्रसित हो रहे है। ग्रामीण इस बीमारी के ज्यादा शिकार हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की अध्ययन रिपोर्ट के मुताबिक अब यह बीमारी 14 से 34 आयु वर्ग में खूब हो रही है। हालांकि, 45 से 60 आयु वर्ग के लोग भी बीमारी के चपेट में ज्यादा आ रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक भारत में वर्ष 2014 के बाद हार्ट अटैक से होने वाली मौतों में इजाफा हुआ है। देश में मरीजों की संख्या में भी बड़ी वृद्धि हुई है। पांच वर्षों में हार्ट अटैक से जुड़ी बीमारियों और मौतों में 53 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। हैरत और चिंता वाली बात यह है कि अब इस बीमारी की जद में किशोरों युवाओं की संख्या बढ़ी है।
आप को बता दें अगर आप सीने में दर्द महसूस कर रहे हैं तो यह खतरे का अलार्म बैल है। सीने में तेज या हल्का भी दर्द है तो उसे नजरअंदाज नहीं करें तुरंत चिकित्सक को दिखाएं। अगर आप सीने में दर्द या किसी तरह का दबाव महसूस नहीं कर रहे तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है। दूसरा, अगर आपके बाजू में दर्द है तो इसे कतई नजरअंदाज नहीं करें। हार्ट अटैक की वजह से दर्द बांह तक पहुंच जाता है यह हार्ट अटैक का लक्षण है। सीने का दर्द पूरे बांह में फैलने लगे तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। तीसरा, अचानक बेहोशी और कमजोरी होना भी अटैक के लक्षण हैं। अगर आपको अचानक से चक्कर आए या फिर बेहद कमजोरी महसूस हो तो उसे फौरन चिकित्सक को दिखाएं। जबड़े में दर्द भी हार्ट अटैक के साइलंट लक्षण हैं। अगर सीने में दर्द के दौरान आपके जबड़े में भी दर्द पहुंच जाए तो समझिए कि ये अटैक के लक्ष्ण है। जबड़े की नसे दिल से निकलती हैं इसलिए जबड़े में दर्द रहता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक इस तरह की मौत की वजह हमारा परिश्रम रहित रहन-सहन, असंतुलित खान-पान और मनमानी जीवन शैली है। अस्वास्थ्यकर भोजन, शारीरिक निष्क्रियता, तंबाकू सेवन धूम्रपान और अल्कोहल के अधिक सेवन से यह समस्या दिनों दिन बढती जा रही है। संगठन का सुझाव है कि तंबाकू के सेवन बंद करने और खानपान में नमक की मात्रा कम करने और फल-हरी सब्जियों के नियमित खाने से इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है। फिजिकल व्यायाम सक्रियता से भी इस पर काफी हद तक नियंत्रण पाया जा सकता है।
भारतीयों पर चटोरी जीभ भारी पड़ रही है। ग्लोबल हेल्थ इंडिया के लिए जॉर्ज इंस्टीट्यूट की एक अध्ययन रिपोर्ट के मुताबिक शहरी भारतीय रोजाना औसतन 11 ग्राम नमक, 10 चम्मच चीनी और 32.6 ग्राम तेल-घी का सेवन करते हैं. जबकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन की सिफारिश है कि हर दिन 6 ग्राम नमक, 6 चम्मच चीनी और 20 ग्राम तेल-घी खाना चाहिए। आईसीएमआर के मुताबिक चीनी, नमक और तेल-घी ज्यादा खाने से दिल को नुकसान पहुंचता है। लंबे समय तक तनाव में रहने से ब्लड कोलेस्ट्रॉल, ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर बढ़ता है, जो दिल से जुड़ी बीमारी का खतरा बढ़ाता है।तनाव में रहने से लाइफस्टाइल और खान-पान भी बिगड़ता है। 10 हजार भारतीयों पर किए गए एक सर्वे में यह भी सामने आया था कि 74 प्रतिशत भारतीय तनावग्रस्त रहते हैं।
भारतीय पैदल चलने में भी पिछड़ रहे हैं। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की एक स्टडी 46 देशों में की गई थी इस स्टडी के मुताबिक, भारतीय हर दिन महज 4 हजार 297 कदम ही चलते हैं। इस लिस्ट में भारत 39वें नंबर पर था। जबकि, डॉक्टरों की सलाह है कि दिल की सेहत के लिए कम से कम इससे दोगुना चलना चाहिए। लगातार बैठे रहने या कम चलने से दिल से जुड़ी बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 16 से 44 साल के 25 करोड़ से ज्यादा लोग स्मोकिंग करते हैं इस मामले में भारत दुनिया में दूसरे नंबर पर है। अमेरिका के फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन की थ्योरी कहती है कि जब धूम्रपान करते हैं तो सिगरेट के खतरनाक केमिकल शरीर में बहने वाले खून में मिल जाते हैं।ये केमिकल हार्ट और रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे दिल से जुड़ी बीमारियां होने का खतरा की गुना बढ़ जाता है। (हिफी)