नीतीश ने करायी जग हंसाई
(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
सुशासन कुमार के नाम से विख्यात रहे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गत 7 नवम्बर को पटना की विधानसभा में जातीय जनगणना पर भाषण के दौरान इतनी भद्दी बात कह दी जिससे उनकी तो जगहंसाई हो ही रही है, विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया को भी बगलें झांकनी पड़ रही है। विपक्षी दलों मंे महिला नेता जैसे पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और शिवसेना (उद्धव ठाकरे) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी से जवाब देते नहीं बन रहा है। उनकी समझ मंे नहीं आ रहा है कि नीतीश कुमार का बचाव किन शब्दों मंे करें। राज्य के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने नीतीश का बचाव करने का प्रयास किया लेकिन भाजपा नेताओं ने इस मामले को काफी उठा दिया है। मध्य प्रदेश की एक चुनावी सभा में तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी नीतीश कुमार का नाम लिये बिना इस भाषण की तीखी आलोचना की। मोदी ने विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया को भी इस मामले मंे
लपेटा है। नीतीश कुमार ने हालांकि माफी मांग ली है लेकिन इसके
बावजूद उनसे त्याग पत्र की मांग की जा रही है। एक मुख्यमंत्री को इस तरह की बात कहना अक्षम्य अपराध जैसा है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का विधानसभा में महिलाओं को लेकर दिया गया एक बयान वायरल हो रहा है। उन्होंने बिहार विधानसभा में जातीय गणना पर बोलते समय शादीशुदा जोड़े के फिजिकल रिलेशन पर ऐसा अमर्यादित बयान दिया, जिसे लेकर महिला विधायक भी झेंप गईं। बीजेपी समेत अन्य नेताओं ने नीतीश कुमार को घेरा है। पीएम नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश में इस पर टिप्पणी की। उन्होंने नीतीश कुमार का नाम लिए बिना कहा कि कल आपने अखबार और टीवी पर एक घटना देखी होगी। इंडिया गठबंधन के एक बहुत बड़े नेता, जो इनका झंडा लेकर घूम रहे हैं, उस नेता ने विधानसभा में माताओं-बहनों की उपस्थिति में ऐसी भद्दी भाषा में बातें कीं, जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। उनको शर्म भी नहीं आई। इंडिया गठबंधन के एक भी नेता ने माताओं-बहनों के इतने भयंकर अपमान पर एक शब्द भी नहीं
बोला।
मध्य प्रदेश के गुना में पीएम नरेंद्र मोदी चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने इशारों-इशारों में नीतीश कुमार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि जो लोग महिलाओं के बारे में ऐसा सोचते हैं, क्या वे आपके लिए कुछ अच्छा कर सकते हैं? वहीं, इस पर जेडीयू की मंत्री लेसी सिंह ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी कौन होते हैं नीतीश पर टिप्पणी करने वाले। बीजेपी नेता क्या कर रहे हैं यह पीएम को दिखाई नहीं देता क्या? मणिपुर में वहां की महिलाओं के साथ बीजेपी नेताओं ने क्या किया? दिल्ली में महिला पहलवानों के साथ बीजेपी के पुलिस वालों ने क्या किया? इस पर सफाई बीजेपी वालों को देनी चाहिए। लेसी सिंह ने कहा कि नीतीश के बयान को गलत तरीके से पेश किया गया था। वह महिलाओं की साक्षरता प्रजनन दर के बारे में बोल रहे थे। नीतीश कुमार ने अपने बयान को वापस लिया। माफी भी मांग चुके हैं। यह मामला खत्म हो चुका है। बता दें कि नीतीश कुमार सदन में अपनी बात रख रहे थे इसी दौरान उन्होंने कहा, जब शादी होगा लड़का-लड़की का तो जो पुरुष है वो करता है न… उसी में वो पैदा हो जाता है। लड़की पढ़ लेती है तो वो करेगा ठीक है लेकिन… करता तो है। जान लीजिए कि संख्या घट रही है। इसमें कमी आई है…
पीएम मोदी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के महिलाओं पर दिए गए बयान को भद्दा बताया। मोदी ने कहा, घमंडिया गठबंधन के एक बहुत बड़े नेता, जो इनका झंडा लेकर घूम रहे हैं, उन्होंने विधानसभा में माताओं-बहनों की उपस्थिति में ऐसी भद्दी भाषा में बातें कीं, जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। उन्हें कोई शर्म नहीं। कितना नीचे गिरेंगे। दुनिया में देश का अपमान करा रहे हैं। पीएम मोदी ने महिलाओं से पूछा- वो आपकी इज्जत बचा सकते हैं? आपका सम्मान या गौरव कर सकते हैं। कैसा दुर्भाग्य आया है देश का। मेरी माताएं-बहनें… मैं आपके सम्मान के लिए जो बन पड़ेगा, उसमें कभी पीछे नहीं हटूंगा।
नीतीश कुमार के जूनियर और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव उनके बचाव में उतर आए हैं। बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार का बचाव किया है। तेजस्वी ने कहा, कोई गलत मतलब निकालता है, तो गलत बात है। एक तरह से मुख्यमंत्री का बयान आया, वो सेक्स एजुकेशन के बारे में था। जब भी सेक्स एजुकेशन की बात की जाती है, तो लोग शर्माते हैं। इससे लोगों को बचना चाहिए। अब तो स्कूलों में इसकी पढ़ाई होती है। साइंस बायोलॉजी में भी पढ़ाते हैं। नीतीश अपने बयान में सेक्स
एजुकेशन की बात कर रहे थे। उन्होंने बर्थ कंट्रोल की बात की। इसे
लोगों को गलत तरीके से नहीं लेना चाहिए।
बहरहाल, जनसंख्या नियंत्रण में महिलाओं की शिक्षा की भूमिका पर बिहार सीएम नीतीश कुमार की टिप्पणी को लेकर राष्ट्रीय महिला पैनल प्रमुख और राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी के बीच तीखी नोकझोंक हो गई है। विधानसभा में नीतीश कुमार की चौंकाने वाली टिप्पणी ने एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया। राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों ने उन पर सदन की मर्यादा का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। इस टिप्पणी की राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने भी आलोचना की। बिहार के मुख्यमंत्री से माफी की मांग करते हुए, शर्मा ने कहा, अगर कोई नेता लोकतंत्र में इतने खुलेआम इस तरह की टिप्पणी कर सकता है, तो कोई केवल कल्पना कर सकता है कि उनके नेतृत्व में राज्य को कितनी भयावहता झेलनी पड़ रही होगी। एनसीडब्ल्यू प्रमुख ने विपक्ष की महिला नेताओं पर भी कटाक्ष किया और उनसे नीतीश कुमार की टिप्पणियों की निंदा करने को कहा। उन्होंने कांग्रेस की प्रियंका गांधी वाड्रा, आम आदमी पार्टी की आतिशी और शिव सेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी को अपनी पोस्ट को टैग किया। अब खुद नीतीश कुमार ने अपनी इस टिप्पणी पर माफी मांग ली हैं। उन्होंने कहा कि अगर मेरी टिप्पणी की इतनी निंदा हो रही है और मेरी बात गलत है तो मैं अपनी बात वापस ले रहा हूं। अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांग रहा हूं। विधानसभा में भी बिहार सीएम ने अपनी टिप्पणी पर माफी मांगी। नीतीश कुमार की टिप्पणी को लेकर बीजेपी उन पर हमलावर हो गई है।
बिहार के मुख्यमंत्री ने जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए महिलाओं के बीच शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए राज्य विधानसभा में एक विवरण रखा कि कैसे एक शिक्षित महिला अपने पति को संबंध बनाने से रोक सकती है। महिला आयोग ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर कहा, ‘‘ऐसी टिप्पणियां न केवल प्रतिगामी हैं बल्कि महिलाओं और उनकी पसंद के अधिकारों के प्रति बेहद असंवेदनशील भी हैं। बिहार के मुख्यमंत्री को इन बेहद आपत्तिजनक टिप्पणियों के लिए देशभर की महिलाओं से माफी की मांग की थी। (हिफी)