लेखक की कलम

ओहदा ही नहीं बड़ा दिल भी रखते हैं धनखड़!

 

महामहिम उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड ने पिछले दिनों राज्यसभा सांसद कल्याण द्वारा बनाए गए उपहास से उपजे तनाव और विवाद के चंद दिनों बाद ही जिस तरह की दरियादिली भरा व्यवहार किया है वह न सिर्फ उनके उच्च पद व्यक्तित्व की गरिमा को बढ़ाने वाला है वरन इस बात का भी परिचायक है कि वह पद से भी बिरले व्यक्तित्व के धनी हैं।

यदि कोई आपकी सार्वजनिक रूप से सार्वजनिक स्थल पर बेहद शरारती अंदाज में मिमिक्री बनाते हुए उपहास उड़ाए तो आप उसकी शरारत को लम्बे समय तक भुला नहीं पाएंगे इतना ही नहीं कहीं न कहीं उसके प्रति नाराजगी का भाव भी आपके जहन में बना रहना स्वाभाविक है लेकिन महामहिम उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड ने पिछले दिनों राज्यसभा सांसद कल्याण द्वारा बनाए गए उपहास से उपजे तनाव और विवाद के चंद दिनों बाद ही जिस तरह की दरियादिली भरा व्यवहार किया है वह न सिर्फ उनके उच्च पद व्यक्तित्व की गरिमा को बढ़ाने वाला है वरन इस बात का भी परिचायक है कि वह पद से भी बिरले व्यक्तित्व के धनी हैं। आपको विस्तार से बताते हैं कि जिस तृणमूल सांसद ने उपराष्ट्रपति महोदय की मिमिक्री की उपराष्ट्रपति धनखड़ ने उनके जन्मदिन पर फोन किया, उनकी पत्नी को भी अपने घर आने का निमंत्रण दिया। उपराष्ट्रपति के बधाई संदेश में शब्द थे-‘आपको कामयाबी मिले… ।’ उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी को फोन कर जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। श्रीरामपुर के सांसद ने खुद एक्स पर लिखा है उन्होंने बताया है कि पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल एवं मौजूदा उपराष्ट्रपति धनखड़ ने भी उनकी पत्नी से बात की। अपने घर रात्रिभोज के लिए आमंत्रित किया। कल्याण ने हार्दिक अभिवादन के बदले में धन्यवाद दिया।

कल्याण ने नए संसद भवन के बाहर धनखड़ की मिमिक्री की थी। धनखड़ ने कहा, यह सब स्वीकार नहीं किया जा सकता। कल्याण ने प्रतिवाद किया कि यह वास्तव में कला का एक रूप है। किसी को ठेस नहीं पहुंचाना चाहता था। धनखड़ ने न सिर्फ सांसद बल्कि उनकी पत्नी से भी फोन पर बात की। उस संदर्भ में, कल्याण एक्स ने लिखा, जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाओं के लिए उपराष्ट्रपति को धन्यवाद। मैं इस बात से प्रभावित हूं कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से मेरी पत्नी को फोन किया और बात की। उन्होंने मेरे पूरे परिवार को अपना आशीर्वाद दिया। इसके बाद कल्याण ने यह भी कहा कि उपराष्ट्रपति ने उन्हें अपनी पत्नी के साथ आमंत्रित किया। उन्होंने लिखा, मुझे और मेरी पत्नी को उन्होंने अपने परिवार के साथ डिनर के लिए दिल्ली स्थित अपने घर पर आमंत्रित किया है।

शीतकालीन सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों में एक के बाद एक सांसदों को निलंबित कर दिया गया। उस वक्त तृणमूल, कांग्रेस, डीएमके, राजद समेत विपक्षी सांसद नये संसद भवन के मकरद्वार के सामने एकत्र हुए। वहां कल्याण ने अलग-अलग मुद्राएं, बॉडी लैंग्वेज बनाकर कुछ दिखाने की कोशिश की। माना जा रहा था कि वह उपराष्ट्रपति धनखड़ की नकल कर रहे थे। कल्याण के इस अंदाज को देखकर विपक्षी सांसद जोर-जोर से हंसने लगे। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी इस घटना का वीडियो बनाते दिखे। उस वक्त संसद के अंदर बीजेपी संसदीय दल की बैठक चल रही थी। प्रधानमंत्री मौजूद थे। मामले की सुनवाई धनखड़ ने की। उन्होंने कहा, यह सब हास्यास्पद है। यह बात स्वीकार नहीं की जा सकती। बीजेपी नेता सुनील देवधर ने सोशल मीडिया पर लिखा, यह भारत गठबंधन का असली रूप है। धनखड़ ने कहा कि कल्याण का वीडियो वायरल होने के बाद मोदी ने उन्हें फोन कर माफी मांगी थी। धनखड़ ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, उन्होंने (मोदी) मुझसे कहा कि उन्होंने 20 साल तक ऐसा अपमान सहा है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने खेद जताया। उन्होंने एक्स में लिखा, संसद परिसर में जिस तरह से हमारे माननीय उपराष्ट्रपति का अपमान किया गया है, उसे देखकर मैं निराश हूं।

कल्याण इस बात की शिकायत स्वीकार नहीं करना चाहते थे। उन्होंने कहा, नकल करना कला का एक रूप है। राजनीतिक विरोध की भाषा के कई रूप होते हैं। प्रधानमंत्री पहले भी संसद की नकल कर चुके हैं। क्या वह इसके लिए माफी मांगेंगे ? उन्होंने यह भी कहा कि उनका किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था। धनखड़ उनके सीनियर हैं। वह भी कल्याण की तरह वकील थे। कल्याण के शब्दों में, हमारे पेशे में हम किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुँचाते। मैं उनका आदर करता हूं। इस बार धनखड़ ने उन सभी तनावों को पीछे छोड़ते हुए कल्याण को जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। हालाँकि, यह पहली बार नहीं है जब इस तरह की हरकत हुई है। धनखड़ आगे बढ़े और उस व्यक्ति के प्रति शिष्टाचार दिखाया, जिसके खिलाफ उन्होंने पहले हमला किया था। राज्य के राज्यपाल रहते हुए उनका राज्य सरकार के साथ बार-बार टकराव होता रहा। रेड रोड कार्निवल से लेकर जादवपुर यूनिवर्सिटी तक तत्कालीन केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रिया के अपमान पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार जमकर बरसी।

इसके बाद 2019 में उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अपनी पत्नी के साथ भाइफोटा पर उनके घर जाना चाहा। हालाँकि, मुख्यमंत्री ने कालीपूजा की दोपहर राजभवन में राज्यपाल की पत्नी को निमंत्रण पत्र भेजा। धनखड़ निमंत्रण पर मुख्यमंत्री आवास भी गये थे। इस बार उन्होंने कल्याण को जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। यह वह बात है जो एक व्यक्ति के विशाल हृदय और विचारों का परिचय देतीं है। ऐसे व्यक्ति बिरले होते हैं जो अपने साधु स्वभाव से अपने विरोधियों के प्रति भी स्वस्थ विचार व्यवहार कर दुनिया के दिलों में अपनी छाप छोड़ देते हैं। भारतीय राजनीति में दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के संदर्भ में ऐसा माना जाता था कि उनके सरल सहज व्यवहार के कारण विरोधी भी उनकी व्यक्तिगत तौर पर प्रशंसा करते थे। जगदीप धनखड ने भी अपने सरल सहज व्यवहार से जता दिया है कि वह भी उसी स्वस्थ परंपरा के संवाहक है। (हिफी)

(मनोज कुमार अग्रवाल-हिफी फीचर)

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