लेखक की कलम

यूपी को शुद्ध पेयजल

जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को राष्ट्रपति ने दिया अवॉर्ड

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)

  •  उत्तर प्रदेश जल प्रबंधन में पूरे देश में सबसे अव्वल
  • जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को राष्ट्रपति ने दिया अवॉर्ड
  • जलशक्ति मंत्री ने सीएम योगी को दिया यूपी को नंबर वन बनाने का श्रेय

उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने 16 अप्रैल को महोबा में धवर्रा सिजवाहा पेयजल योजना का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने वाटर ट्रीटमेंट प्लांट व इंटेक वेल का निरीक्षण किया। कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर सुनील कुमार पांडे ने बताया कि इस योजना से 101 गांवों को पीने के पानी की आपूर्ति की जाएगी और यह कार्य सितंबर 2022 तक पूरा हो जाएगा। उन्होंने मानचित्र के जरिए जल शक्ति मंत्री को योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उत्तर प्रदेश जल संसाधन के प्रबंधन में पूरे देश में नंबर वन बन गया है। सूबे के जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वाटर मैनेजमेंट के लिए अवॉर्ड से नवाजा है । यह सम्मान समारोह दिल्ली में हुआ था। भाजपा की प्रदेश इकाई की बागडोर संभालने से पहले भी स्वतंत्र देव सिंह परिवहन मंत्री रह चुके हैं । परिवहन मंत्रालय का कार्यभार संभालने के दौरान भी स्वतंत्र देव सिंह की प्राथमिकता जनता की सुविधा हुआ करती थी। बस यात्री लम्बी यात्रा के दौरान नाश्ता और भोजन करेंगे, यह तो स्वाभाविक है इसलिए बसों के ड्राइवर और कंडेक्टर कुछ विशेष ढाबांे पर ही बस रोकते थे। वहां मनमानी कीमत पर खाने-पीने का सामान मिलता था। इस समस्या को देखकर तत्कालीन परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने जगह-जगह सरकारी खानपान गृह खुलवाए थे। इतना ही नहीं, वहां खाने पीने का सामान कैसा मिलता है इसका निरीक्षण वे स्वयं परीक्षण भी करते थे। इसी भावना से वह आज जलशक्ति मंत्री का दायित्व भी निभाना चाहते है।
जल ही जीवन है। इसलिए उत्तर प्रदेश जल संसाधन के प्रबंधन में पूरे देश में नंबर वन बन गया है तो यह सरकार की बडी उपलब्धि है। सूबे के जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वाटर मैनेजमेंट के लिए अवॉर्ड से नवाजा है। इससे स्वतंत्र देव सिंह का अपने कर्तव्य के प्रति सम्यक लगाव भी प्रदर्शित होता है। समारोह दिल्ली में हुआ था। अवॉर्ड के बाद स्वतंत्र देव सिंह ने सीएम योगी आदित्यनाथ को अवॉर्ड का श्रेय दिया और कहा कि योगी जी के मार्गदर्शन में हम मिलकर उत्तर प्रदेश को सभी विभागों में नंबर एक बनाएँगे। इससे यह भी संकेत मिलता है कि योगी सरकार टीम भावना से काम कर रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का
ध्यान भी इस तरफ विशेष तौर पर है। चुनाव से पहले केन्द्रीय सरकार ने हर घर को जल योजना शुरू की थी। गाँव में भी नल से पानी की आपूर्ति की जा रही है। बरसात में पानी ज्यादा प्रदूषित होता है और गर्मी में पानी की कमी हो जाती है। नदियो के अविरल प्रवाह और प्रदूषण रहित बनाने की योजना चल रही है लेकिन अभी अपेक्षित परिणाम नहीं मिल पाये। इसी परिप्रेक्ष्य में 17 अप्रैल को लखनऊ में सीएम योगी ने समग्र गंगा कार्यक्रम (एसजीपी) के दौरान गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए सरकार के प्रयासों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मां गंगा के आध्यात्मिक, सामाजिक और आर्थिक महत्व को देखते हुए ही पीएम नरेंद्र मोदी ने ‘नमामि गंगे परियोजना’ का शुभारंभ किया था। इस परियोजना ने भारत की नदी संस्कृति को पुनर्जीवित किया है। यूपी में गंगा नदी को स्वच्छ बनाने के लिए कई बड़े कार्य किए गए हैं।
कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी ने कहा कि पहले कानपुर में मां गंगा के हालात बहुत खराब थे। राज्य में गंगा नदी में गिर रहे सीवर और औद्योगिक कचरे के प्रवाह को रोकने के लिए सरकार ने 46 परियोजनाओं में से 25 को पूरा कर लिया है। शेष 19 में काम चल रहा है। हम इन योजनाओं को समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि दशकों पूर्व ‘गंगा एक्शन प्लान’ बना था, लेकिन गंगा प्रदूषित ही रही थी। हमने तकनीक से गंगा की निर्मलता, अविरलता को बनाया। हर भारतीय स्नान करते समय मां गंगा का स्मरण करता है। हमारा भी संकल्प होना चाहिए कि हम गंगा को गंदा नहीं करेंगे।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने गंगा यात्रा कार्यक्रम में कहा कि मां गंगा हमारी सामाजिक आस्था का प्रतीक है। गंगा को स्वच्छ बनाने में सरकार के साथ समाज आएगा तो सफलता मिलेगी। उन्होंने कहा कि काशी में अब गंगा निर्मल मिलेगी। नमामि गंगे से पहले काशी में एसडीआरएफ के जवानों के शरीर पर लाल चकत्ते पड़ जाते थे। अब गंगा में इतनी आक्सीजन है कि डॉल्फिन अठखेलियां करती रहती हैं। सीएम योगी ने कहा कि नदियों को साफ रखने के लिए हमें शव के जल प्रवाह से दूर होना पड़ेगा। हमें लोगों को जागरूक करना होगा। गांव के सीवेज को नदी की तरफ नहीं मोड़ना है। सीएम योगी ने कहा कि गंगा यात्रा में किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। गंगा किनारे नर्सरी, पार्क, घाट के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। गंगा यात्रा के अच्छे परिणाम आए थे। कोरोना के चलते उसमें कुछ कमी आई। सात राज्यों के गंगा पुत्र इस कार्यक्रम में कार्य कर रहे हैं। गंगा, यमुना के तटों पर वृक्षारोपण करना है। प्राकृतिक खेती के लिए सब्सिडी, सहयोग और ट्रेनिंग देने का काम किया जाएगा। स्वतंत्र देव सिंह, 16 जुलाई 2019 को भाजपा के उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष बनाए गए थे । इससे पहले वह योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। 13 फरवरी 1964 को उनका जन्म मिर्जापुर जिले के जमालपुर ब्लॉक स्थित उरी गांव में हुआ था। उन्होंने झांसी की बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी से बीएससी की पढ़ाई की। इसी दौरान वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में शामिल हुए। वर्ष 1986 में आरएसएस में शामिल होने से पहले तक उन्होंने एक हिंदी समाचार पत्र में रिपोर्टर की नौकरी की। भाजपा युवा मोर्चा में उन्होंने कई अहम जिम्मेदारियां संभालीं। वर्ष 2004 में वह पहली बार यूपी में एमएलसी बने। वर्ष 2004 से 2017 के बीच वह तीन बार भाजपा महासचिव और एक बार उपाध्यक्ष बने। इस प्रकार प्रदेश में पानी की सबसे ज्यादा समस्या कहां है यह स्वतंत्र देव सिंह को पता है। इसीलिए बुंदेलखंड पानी कनेक्शन अभियान का गवाह बनने जा रहा है। बिन्ध्य क्षेत्र में इसी सितम्बर से पेयजल आपूर्ति का सबसे बडा और अनूठा अभियान शुरू होने जा रहा है। (हिफी)

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