छत्तीसगढ़ को मिले ‘विष्णु’
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का ननिहाल छत्तीसगढ़ है। भगवान राम विष्णु के अवतार माने जाते हैं इसलिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने छत्तीसगढ़ में विष्णु देव साय को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया है। विष्णु देव को बाकायदा विधायक दल का नेता चुना गया और इसके बाद वह राजभवन पहुंचे। राज्यपाल विश्व भूषण हरिचंद्रन को भाजपा विधायक दल के नेता चुने जाने की जानकारी देते हुए सरकार बनाने का दावा पेश किया। राज्य में भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिला है इसलिए राज्यपाल हरिचंद्रन ने विष्णु देव साय को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया।
विष्णु देव साय राज्य में दूसरे आदिवासी मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। इससे पूर्व कांग्रेस ने अजीत जोगी कोे मुख्यमंत्री बनाया था। भाजपा ने विष्णु देव साय को मुख्यमंत्री बनाकर राज्य के बहुसंख्यक आदिवासी समुदाय को खुश करने का प्रयास किया है। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को भी मुख्यमंत्री बनाये जाने की उम्मीद जतायी जा रही थी लेकिन भाजपा इस समय जो भी काम कर रही है, उसे 2024 के लोकसभा चुनाव से जोड़ा जाता है। छत्तीसगढ़ में 2018 में भाजपा का रमन सिंह के नेतृत्व में ही बुरी तरह पराजित होना पड़ा था। इसके बावजूद डा0 रमन सिंह को भी सम्माननीय पद दिया जाएगा। विष्णु देव साय ने शपथ लेने से पहले ही कहा कि वह मोदी की गारंटी वाला संकल्प पत्र प्राथमिकता से लागू करेंगे।
छत्तीसगढ़ में भाजपा विधायक दल की बैठक में आदिवासी समुदाय के नेता और विधायक विष्णु देव साय को प्रदेश के मुख्य मंत्री के रूप में चुना गया था। विधायक दल की बैठक केंद्रीय पर्यवेक्षकों की अध्यक्षता में की गई जिसमें सभी नवनिर्वाचित 54 भाजपा विधायकों से बात की गई और बातचीत के बाद विष्णु देव साय के नाम पर मुहर लगाई गई है। हालांकि, विष्णु देव साय के नाम पर पहले ही अनुमान लगाए जा रहे थे और वह सीएम रेस की दौर में काफी आगे चल रहे थे।
भाजपा ने जब विधानसभा चुनाव नतीजे रिजल्ट के लंबे वक्त के बाद तक सीएम की घोषणा नहीं की तो माना जा रहा था कि, कोई नया चेहरा सीएम बनेगा। यह भी अनुमान लगाए जा रहे थे कि, भाजपा आदिवासी चेहरे को ही लाएगी। क्योंकि बीजेपी की नजर लोकसभा चुनाव 2024 पर टिकी है। आदिवासी समुदाय के कई चेहरे मैदान में थे। आदिवासी समुदाय से विष्णु देव, रेणुका सिंह, रामविचार नेताम, लता उसेंडी और गोमती साय को दावेदार के रूप में देखा जा रहा था। छत्तीसगढ़ राज्य में आदिवासी समुदाय की आबादी सबसे अधिक है और विष्णु देव साय इसी समुदाय का प्रतिनिधित्व करते
हैं।
विष्णु देव साय को रमन सिंह का करीबी माना जाता है। इसके अलावा उन्हें संघ के करीबी नेताओं का भी साथ मिला। विष्णु देव साय का नाम सीएम के आने के बाद भले ही नया चेहरा लग रहा है, लेकिन उनका राजनीतिक कद काफी बड़ा है। विष्णु देव साय ने काफी लंबा राजनीतिक सफर तय किया है और वह एक जमीनी नेता रहे हैं। उन्होंने 1989 में जशपुर जिले के बगिया गांव से सामान्य पंच पद पर निर्वाचित होकर राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी। इसके बाद वह लगातार ऊंची सीढ़ियां चढ़ते चले गए।
विष्णुदेव साय 1990 में निर्विरोध सरपंच निर्वाचित हुए थे। इसके बाद तपकरा से विधायक चुनकर 1990 से 1998 तक वे मध्यप्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे। वह 1999 में वे 13 वीं लोकसभा के लिए रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र से सांसद निर्वाचित हुए। भाजपा ने उन्हें 2006 में पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया, जबकि 2009 में 15 वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में वे रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र से फिर से सांसद बने। वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव में वह एक बार फिर रायगढ़ से सांसद नियुक्त हुए। इस बार केंद्र में मोदी की सरकार ने उन्हें केंद्रीय राज्यमंत्री, इस्पात खान, श्रम, रोजगार मंत्रालय बनाया। वह 2020 में छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे।
वह छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुआ था तो उस वक्त पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी चुने गए थे। उस वक्त वह कांग्रेस की ओर से आदिवासी मुख्यमंत्री बने थे। वहीं, अब दूसरे आदिवासी मुख्यमंत्री विष्णु देव साय होंगे। अब तक छत्तीसगढ़ में तीन लोग मुख्यमंत्री बन चुके हैं। इनमें अजीत जोगी, रमन सिंह और भूपेश बघेल शामिल थे। भाजपा के रमन सिंह ने सबसे ज्यादा 2003 से 2018 तक मुख्यमंत्री रहें। अब प्रदेश के चैथे सीएम के रूप में विष्णु देव साय चुने गए हैं। विष्णु देव साय का नाम पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने आगे बढ़ाया था। विधायक दल ने सर्वसम्मति से इसे स्वीकार किया और विष्णु देव साय को विधायक दल का नेता चुना गया। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह छत्तीसगढ़ विधानसभा के नए स्पीकर बन सकते हैं। इस प्रकार वह इस बार छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष की भूमिका में नजर आएंगे। आपको बता दें, रमन सिंह छत्तीसगढ़ में साल 2003 से 2018 तक मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वह राज्य में सबसे ज्यादा वक्त तक सीएम पद पर रहने का रिकॉर्ड बनाया है। हालांकि, पार्टी ने इस बार विष्णु देव साय पर भरोसा जताया है। विष्णु देव साय को रमन सिंह का करीबी माना जाता है।
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने इसे बड़ी उपलब्धि बताया और कहा कि एक योग्य उम्मीदवार को सीएम की जिम्मेदारी भाजपा ने दी है। विष्णुदेव साय निश्चित रूप से सफल मुख्यमंत्री साबित होंगे। पार्टी में सभी की जिम्मेदारी तय है। आदिवासी चेहरे को मुख्यमंत्री घोषित करने के बाद भाजपा ने प्रदेश में सामाजिक समीकरण साधने की कोशिश की है। इस वजह से यहां दो डिप्टी सीएम भी बनाए जा सकते हैं। इसमें अरुण साव और विजय शर्मा का नाम सामने आ रहा है। अरुण साव सीएम पद की रेस में भी शामिल थे। रमन सिहं राजपूत समुदाय से आते हैं। जबकि अरुण साव ओबीसी। इसके साथ ही विजय शर्मा ब्राह्मण समुदाय से आते हैं। ऐसे में बीजेपी अरुण साव और विजय शर्मा को डिप्टी सीएम चुन कर ओबीसी और सवर्ण समाज को भी नाराज नहीं करना चाहती हैं।
विष्णु देव साय को छत्तीसगढ़ के सीएम बनने का मौका मिला है। जिसके लिए वह खुश है और शपथ लेने से पहले ही अपना प्लान तैयार कर लिया है।
विष्णु देव साय के सीएम चुने जाने पर उनसे पूछा गया कि, वह पहला काम कौन सा करेंगे तो उन्होंने बताया कि, हमारी प्राथमिकता होगी कि, हमलोगों ने जो चुनावी घोषणापत्र जारी किया था मोदी की गारंटी उसे पूरा करने के लिए काम शुरू करें।
विष्णु देव साय ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 18 लाख आवास को मंजूरी देना नयी सरकार का पहला काम होगा। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के रूप में, मैं सरकार के माध्यम से मोदी की गारंटी को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने भी कहा कि, 25 दिसंबर को अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन के मौके पर छत्तीसगण के किसानों को तोहफा मिलेगा। उन्हें पिछले दो सालों से धान की बिक्री का उचित मूल्य नहीं मिला है। पिछले 15 साल में जो नहीं हो सका था उसे मैं सबसे पहले पूरा करूंगा और 2 साल का बोनस किसानों को दिया जाएगा। (हिफी)
(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)