आंवला और हल्दी का मिश्रण मधुमेह को नियंत्रित करता है। आंवला को हाई ब्लड शुगर लेवल को कम करने के लिए एक प्राकृतिक उपचार के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसमें क्रोमियम पाया जाता है, जो कार्बोहाइडेट मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करता है और शरीर की कोशिकाओं को इंसुलिन के प्रति अधिक संवेदनशील बनाता है। इसके इस्तेमाल के लिए 2 चम्मच आवले का रस में एक चुटकी हल्दी मिलाकर प्रतिदिन सुबह इसका सेवन करें।
आज के लाइफस्टाइल व भागती-दौड़ती जिन्दगी ने व्यक्ति को कई बीमारियों का शिकार बना दिया है। इन्हीं बीमारियों में से एक है मधुमेह। आज भारत के लगभग हर घर में कोई न कोई व्यक्ति मधुमेह पीड़ित अवश्य है। भारत में मधुमेह पीडिघ्त व्यक्तियों की बढ़ती संख्या का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भारत को विश्व की डायबिटीक कैपिटल कहकर पुकारा जाता है। यूं तो आपने मधुमेह से लड़ने के लिए दवाईयों का सेवन करते होंगे लेकिन अगर आप चाहें तो हल्दी की मदद से भी इसे मात दे सकते हैं।
हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन नामक तत्व एक एंटी.डायबिटीक इफेक्ट छोड़ता है। दरअसल, यह रक्त में शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है, जिससे व्यक्ति मधुमेह से आसानी से लड़ सकता है। एक शोध में भी यह बात साबित हुई है कि करक्यूमिन ग्लूकोज लेवल को कम करता है और मधुमेह व उससे संबंधित परेशानियों को कम करता है।
अमेरिकन डायबिटीक एसोसिएशन की एक रिपोर्ट के अनुसार, हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन तत्व टाइप 2 डायबिटीज को रोकता है। साथ ही हल्दी की जड़ का अर्क भी ग्लूकोज को कम करने के साथ.साथ इंसुलिन प्रतिरोध को कम करता है। जब हमारे शरीर में इंसुलिन प्रतिरोध होता है तो व्यक्ति का शरीर इंसुलिन के प्रति ठीक से प्रतिक्रिया नहीं करता और रक्त में शर्करा का स्तर बढ़ता है। लेकिन हल्दी की जड़ का अर्क इस इंसुलिन प्रतिरोध को कम कर सकता है। इसके लिए आप किसी भी फार्मेसी से यह अर्क ले सकते हैं या फिर मार्केट में इसे कैप्सूल भी मौजूद हैं। डॉक्टर की सलाह पर उनका सेवन भी किया जा सकता है।
दालचीनी भी मधुमेह रोगियों के लिए लाभकारी मानी गई है। इसे हल्दी के साथ इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए एक चुटकी दालचीनी पाउडर व हल्दी को अपनी मील का हिस्सा बनाएं या फिर आप दालचीनी और हल्दी को दूध में मिलाकर सुबह इसका सेवन कर सकते हैं।