लेखक की कलम

उपचुनावों से कांग्रेस के लिए संदेश

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)

इन उपचुनावों के बाद कांग्रेस को सबक लेना होगा कि प्रदेश नेतृत्व को मजबूत रखने में ही भलाई है। छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल को कमजोर करने की कोशिश उसी तरह की गयी जैसी पंजाब में हुई थी। कांग्रेस नेतृत्व ने पंजाब में कैप्टन अमरिन्दर सिंह को मजबूत करने की जगह नवजोत सिद्धू की मार्फत कमजोर करने का प्रयास किया। इसका यह नतीजा रहा कि पंजाब में कांग्रेस के हाथ से आम आदमी पार्टी ने सत्ता छीन ली। कैप्टन अमरिंदर को भी जनता ने ठुकरा दिया और नवजोत सिद्धू को भी पराजय का स्वाद चखना पड़ा। इसके विपरीत छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल को कांग्रेस हाईकमान ने मजबूत किया और इसका नतीजा यह है कि खैरागढ़ में कमजोर समझी जा रही प्रत्याशी यशोदा नीलाम्बर वर्मा चुनाव जीत गयीं।

अभी 16 अप्रैल को देश के विभिन्न राज्यों से मिले उपचुनाव के नतीजे भाजपा से ज्यादा कांग्रेस के लिए संदेश देने वाले हैं। कांग्रेस को महाराष्ट्र के कोल्हापुर और छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ मंे विजयश्री हासिल हुई है। इससे महीने भर पहले ही पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जबर्दस्त पराजय का सामना करना पड़ा था। पंजाब उसके हाथ से छिन गया और उत्तराखण्ड मंे कलह के चलते जीत नहीं मिल पायी। यही कलह गोवा मंे उसके लिए भारी पड़ी थी। अब इन उपचुनावों ने यह संकेत दिया है कि पार्टी अभी पूरी तरह से निर्जीव नहीं हुई है।
इसका बेहतर उदाहरण छत्तीसगढ़ है। छत्तीसगढ़ में अब एक नया जिला बनना लगभग तय हो गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के जिला बनाने के वादे पर खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र की जनता ने भरोसा जताया है। खैरागढ़ वालों ने विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी को प्रचंड बहुमत दिया है। उपचुनाव में कमजोर प्रत्याशी मानी जा रही यशोदा नीलांबर वर्मा को जनता ने बड़ी संख्या में वोटों के अंतर की एकतरफा जीत दी है। चुनाव का घोषणा पत्र जारी होने से पहले ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ऐलान कर दिया था कि यदि उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी को जीत मिलेगी तो परिणाम के 24 घंटे के भीतर ही खैरागढ़ को जिला बनाने का औपचारिक ऐलान कर दिया जाएगा। खैरागढ़ उपचुनाव के प्रचार के दौरान जनता का मन भांपते हुए सीएम ने नए जिले के नाम में खैरागढ़-गंडई-छुईखदान जोड़ने का वादा भी कर दिया। खैरागढ़ को जिला बनाने का वादा ही पूरे चुनाव प्रचार में हावी रहा। जिला बनाने के वादे का ही नतीजा रहा कि जनता ने सत्ताधारी दल कांग्रेस के पक्ष में जमकर वोट किया। गत 12 अप्रैल को 78 प्रतिशत वोटिंग हुई इसके बाद 16 अप्रैल को मतगणना के पहले राउंड से ही कांग्रेस प्रत्याशी को बढ़त मिलनी शुरू हो गई। पहले राउंड में कांग्रेस को 1175 वोटों की बढ़त मिली, जो 20 हजार से अधिक वोटों से जीत पर जाकर रूकी। कुल 21 राउंड की मतगणना हुई। हर राउंड में यशोदा आगे रहीं। सत्ताधारी दल कांग्रेस के चुनावी वादे के अनुरूप खैरागढ़ को जिला बनाने की प्रशासनिक तैयारी भी शुरू हो गई है। चुनावी मैदान में कुल 10 प्रत्याशी उतरे थे। दस में से 8 प्रत्याशियों से ज्यादा तो जनता ने नोटा को पसंद किया है। कांग्रेस प्रत्याशी यशोदा वर्मा को सबसे ज्यादा 45766 वोट मिले और 33863 वोटों के साथ बीजेपी प्रत्याशी कोमल जंघेल दूसरे नंबर पर रहे। इनके अलावा सभी 8 प्रत्याशियों को नोटा से भी कम वोट मिले। जारी आंकड़ों के मुताबिक जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे से नरेंद्र सोनी को 561, राष्ट्रीय जनसभा पार्टी से मोहन भारती को 222, फॉरवर्ड डेमोक्रेटिक लेबर पार्टी से विप्लव साहू को 1183, अरुणा बनाफर निर्दलीय को 312, साधुराम धुर्वे निर्दलीय को 382, नितिन कुमार भांडेकर निर्दलीय को 799, आम्बेडकराइट पार्टी ऑफ इंडिया से ढालचंद साहू को 196, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से संतोषी प्रधान को 387 वोट मिले जबकि नोटा इन सब पर भारी है। इससे क्षेत्रीय जनता की नाराजगी का भी पता चलता है।
साल 2018 में विधानसभा का चुनाव हारने के बाद छत्तीसगढ़ बीजेपी अब तक कोई बड़ा चुनाव नहीं जीती है। बात चाहे नगरीय निकाय चुनाव की हो या फिर तीन-तीन उपचुनावों की, सभी में बीजेपी को हार देखनी पड़ी। चार राज्यों की 5 सीटों पर उपचुनाव के लिए 12 अप्रैल को मतदान हुआ था। महाराष्ट्र की कोल्हापुर उत्तरी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भी कांग्रेस प्रत्याशी जयश्री जाधव को जीत मिली है। जयश्री जाधव को 18 हजार से अधिक वोटों से जीत हासिल हुई है। उन्होंने भाजपा के सत्यजीत कदम को हराया है। पश्चिम बंगाल बालीगंज विधानसभा उपचुनाव में बाबुल सुप्रियो ने जीत दर्ज की है। 19वें और फाइनल राउंड में बाबुल सुप्रियो को 50 हजार 722 वोट मिले। बाबुल सुप्रियो ने 9 हजार 904 वोटों से जीत हासिल की। दूसरे नंबर पर सीपीआई-एम के प्रत्याशी रहे। उन्हें 30 हजार 818 वोट जबकि तीसरे स्थान पर भाजपा प्रत्याशी रहे। भाजपा प्रत्याशी को 12 हजार 967 वोट मिले हैं। बिहार मंे मुजफ्फरपुर के बोचहां में राजद ने जनता को बधाई दी है। जिले की बोचहां विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में राजद प्रत्याशी अमर कुमार पासवान चुनाव जीते। इस प्रकार देश की एक लोकसभा और चार विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनावों के परिणाम विशेष संदेश देने वाले हैं। पश्चिम बंगाल में बालीगंज, छत्तीसगढ़ में खैरागढ़, बिहार में बोचहां और महाराष्ट्र के कोल्हापुर के साथ एक लोकसभा सीट पश्चिम बंगाल की आसनसोल पर भी चुनाव हुआ है। यहां भी सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के प्रत्याशी को जीत हासिल हुई। यहां से टीएमसी ने शाटगन कहे जाने वाले शत्रुघ्न सिन्हा को प्रत्याशी बनाया था।
इन उपचुनावों के बाद कांग्रेस को सबक लेना होगा कि प्रदेश नेतृत्व को मजबूत रखने मंे ही भलाई है। छत्तीसगढ़ मंे भूपेश बघेल को कमजोर करने की कोशिश उसी तरह की गयी जैसी पंजाब मंे हुई थी। कांग्रेस नेतृत्व ने पंजाब मंे कैप्टन अमरिन्दर सिंह को मजबूत करने की जगह नवजोत सिद्धू की मार्फत कमजोर करने का प्रयास किया। इसका यह नतीजा रहा कि पंजाब मंे कांग्रेस के हाथ से आम आदमी पार्टी ने सत्ता छीन ली। कैप्टन अमरिंदर को भी जनता ने ठुकरा दिया और नवजोत सिद्धू को भी पराजय का स्वाद चखना पड़ा। इसके विपरीत छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल को कांग्रेस हाईकमान ने मजबूत किया और इसका नतीजा यह है कि खैरागढ़ में कमजोर समझी जा रही प्रत्याशी यशोदा नीलाम्बर वर्मा चुनाव जीत गयीं।
इसी तरह महाराष्ट्र मंे कांग्रेस प्रत्याशी जयश्री जाधव ने कोल्हापुर उत्तर विधानसभा सीट का उपचुनाव जीता है। इस जीत में महाविकास अघाड़ी (एमवीए) की एकजुटता का हाथ रहा है। भाजपा उम्मीदवार सत्यजीत कदम 18 हजार मतों से हार गये हैं। कांग्रेस इस गठबंधन को भी कमजोर करने
का लगातार प्रयास कर रही है, जो भविष्य के लिए उचित नहीं होगा। कांग्रेस इन उपचुनावों से सीख ले तो बेहतर होगा। (हिफी)

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