तीज-त्योहारलेखक की कलम

बेहद खास है यह दीपोत्सव

 

दीपावली का पर्व हम लोग प्रतिवर्ष मनाते हैं लेकिन इस त्योहार के आयोजन का एक प्रमुख आधार
अयोध्या है। इसी अयोध्या के दशरथ नंदन श्रीराम अहंकारी रावण का वध करके और अपनी सौतेली माता कैकेयी के 14 वर्ष के वनवास का पारण कर वापस लौटे थे। श्रीराम जब वन जा रहे थे तो अयोध्यावासी उनके रथ के पीछे-पीछे दौड़ते गये थे। तमसा के तट पर नगर निवासियों को सोता हुआ छोड़कर श्रीराम अपने भ्राता लक्ष्मण और पत्नी सीता के साथ आगे बढ़ गये अयोध्यावासी अपने राम को कितना चाहते थे, यह इस प्रसंग से पता चलता है। इसलिए श्रीराम के वनवास की अवधि पूरी कर वापस लौटने पर कितनी खुशी उनको मिली होगी, इसकी कल्पना दीपोत्सव से की जा सकती है। रामलला के भव्य मंदिर मंे विराजमान होने से पहले का यह दीपोत्सव इसीलिए बेहद खास अवसर बन गया है। लगभग दो महीने बाद ही अयोध्या के भव्य मंदिर मंे श्री रामलला विराजमान हो जाएंगे। इसके लिए निमंत्रण पत्र बंटने लगे हैं। अयोध्या मंे लाखों दीपों से पूरा नगर जगमगा उठेगा। इसी तरह दुनिया की सबसे प्राचीन धार्मिक नगरी मानी जाने वाली काशी मंे भी देव दीपावली की भव्य तैयारी हो रही है।

राम नगरी अयोध्या में इस बार भव्य दीपोत्सव मनाया जाएगा। इस बार राम की पैड़ी से लेकर पूरे परिसर में इक्कीस लाख दिए जलाए जाएंगे, जिससे पूरी अयोध्या जगमगा उठेगी, इस दीपोत्सव को लेकर रामभक्तों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। राम की पैड़ी पर अभी से दिए लगाने शुरू कर दिए गए हैं। राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने इस दीपोत्सव को लेकर अपनी बात रखी और सीएम योगी की पहल की तारीफ की। आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा, अयोध्या की दीपावली आज से नहीं है सदियों से हैं। ये परंपरा तभी से चलती आ रही है। अभी तक हम अपने-अपने मंदिरों में दीपक जलाते थे, लेकिन पिछले कुछ सालों से खुद मुख्यमंत्री के द्वारा दीपोत्सव का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। ये बहुत महत्वपूर्ण हैं। इस वर्ष दीपोत्सव पर इक्कीस लाख दीप जलाए जाएंगे और राम की पैड़ी से परिसर तक दीप ही दीप दिखाई देंगे। सभी लोग भी अपने-अपने मंदिर में दीपोत्सव मनाएंगे।

मुख्य पुजारी ने कहा, इस वर्ष का दीपोत्सव बेहद अद्भुत दीपोत्सव है और ये एक प्रकार से पिछले साल के दीपोत्सवों का रिकॉर्ड तोड़ देगा। ये महत्व है जो प्रतिवर्ष बढ़ता-बढ़ता इस साल इक्कीस लाख से ज्यादा हो गया है। दीपोत्सव का महत्व बहुत ज्यादा है। इसका अर्थ है, तमसो मा ज्योतिर्गमय, यानी अंधकार को दूर करना और प्रकाश को जीवन में लाना। दीपक का प्रज्वलन रामपथ बन गया है। उसके प्रकाश से पूरी अयोध्या जगमाएगी।

आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ये कह चुके हैं कि वो इस अयोध्या को त्रेता युग की अयोध्या बनाएंगे। जो अयोध्या इतना प्रकाशित रही, भव्य दिव्य रही, जिसे देखकर कुबेर और ब्रह्मा भी इस नगरी को देखकर लज्जित होते थे। उस तरह का विकास करने के लिए मुख्यमंत्री प्रयत्नशील है वो बहुत सुखदायी है। उन्होंने इसके लिए सीएम योगी का खासतौर से धन्यवाद भी दिया।
उन्होंने कहा, इस बार के दीपोत्सव से याद रहेगा कि जब रामलला टैंट में थे तो अयोध्या में इतनी भव्य दिवाली मनाई गई थी। उसी रूप में मनाई गई थी जैसे भगवान रामलला राम मंदिर में विराजमान हो गए हैं। भक्तों में दीपोत्सव को लेकर बहुत उत्साह है कि किस तरह से रामनगरी में दिवाली पर दिए जलाए जाएंगे।

अगले साल राम मंदिर में 22 जनवरी को भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। पीएम मोदी खुद इस समारोह में शामिल हैं। इसके बाद राम मंदिर भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा। राम भक्तों के 500 वर्षों का जो संघर्ष रहा अब वह साकार होता दिखाई दे रहा है। राम भक्तों का कहना है कि सब्र का जो फल होता है वह बहुत ही मीठा होता है। राम भक्तों ने सब्र किया और उनके आराध्य का मंदिर इतना अदभुत और अलौकिक बन रहा है। इससे बढ़कर के राम भक्तों के लिए और क्या हो सकता है क्योंकि यह तस्वीर बहुत कुछ कहना चाहती है। हमारे आराध्य प्रभु श्रीराम का अद्भुत मंदिर बन रहा है। ये मंदिर त्रेता युग की एक बार फिर से याद दिलाएगा।

अयोध्या में प्रभु श्रीराम के आगमन के पर्व दीपावली को लेकर तैयारियां अब अंतिम पड़ाव पर हैं। भगवान श्रीराम के स्वागत के लिए अयोध्या नगरी को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। दिवाली पर होने वाले दीपोत्सव के साथ-साथ अयोध्या में कई धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। जिसमें रामायण के प्रसंगों पर आधारित झांकियां अयोध्या के प्रवेश द्वार से निकलेंगी जिनका रामकथा पार्क में समापन होगा। इसके अलावा झांकियों के आगे पीछे नृत्य संगीत की अलग-अलग टोलियां चलेंगी।

झांकियों के मंच पर भगवान के विग्रह भी मौजूद होंगे। रामकथा पार्क में जब यह झांकियां पहुंचेंगी तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरु वशिष्ठ की भूमिका में इनकी अगुवाई करेंगे। जब यह झांकियां राम कथा पार्क पहुंचेगी उसी समय त्रेता युग की तर्ज पर प्रभु श्रीराम पुष्पक विमान रूपी हेलिकाप्टर से पहुंचेंगे। उस समय सीएम योगी गुरु वशिष्ठ की भूमिका में नजर आएंगे और राज्याभिषेक का कार्यक्रम होगा। इसके लिए रामकथा पार्क राम दरबार की थीम पर सज रहा है। कामधेनु आश्रम के महंत आशुतोष महाराज ने बताया कि कर्म धर्म और दायित्व बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है और भगवान राम का पूरा जीवन संघर्षमय रहा है। पूज्य गुरु जी के चरणों में रहकर भगवान राम को राम शब्द की उपाधि मिली। अगर राम को कोई राम बनाने वाला है तो गुरुदेव हैं। उन्होंने कहा कि गुरु की भूमिका में अगर माननीय योगी आदित्यनाथ आते हैं वह भी गुरु गोरखपीठ से तो यह बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। आशुतोष महाराज ने कहा कि जब भगवान 14 वर्ष वनवास खत्म करके यहां वापस आते हैं तो बड़ा कार्यक्रम होता है। दिव्य राम मंदिर बन रहा है तो वहां सीएम को मुख्य रूप में होना चाहिए क्योंकि वह उत्तर प्रदेश के मुखिया हैं। अयोध्या के दीपोत्सव के बाद काशी की देव दीपावली में भी लाखों की संख्या में पर्यटकों के आने की उम्मीद है,ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देव दीपावली पर वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस की सुरक्षा संबंधित तैयारियों की समीक्षा की है। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि इस बार देव दीपावली पर पांच लाख से ज्यादा पर्यटकों के आने का अनुमान है। इसे देखते हुए काशी को अभेद्य किला बनाने की कवायद अभी से शुरू कर दी गई है। काशी के 84 घाटों को 9 जोन, 11 सेक्टर और 32 सब सेक्टर में बांटकर सुरक्षा-व्यवस्था का पूरा खाका तैयार कर लिया गया है। (हिफी)

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)

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