
राधा की रसोई
जन्माष्टमी यानि भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव, इस दिन लोग व्रत करते हैं और पूरे दिन भगवान कृष्ण की भक्ति में डूबे रहते हैं। जन्माष्टमी पर भगवान के भोग के लिए गरी मखाने का पाग बनाया जाता है और रात को पूजा के बाद इसी का भोग लगाकर प्रसाद वितरित किया जाता है। इस पाग को व्रत में भी खाया जा सकता है। गरी मखाने का पाग बनाने में ज्यादा समय नहीं लगता है ।
सामग्री: मखाने-आधा किलो, गरी-200 ग्राम, चीनी-एक किलो, घी ।
विधि: गरी मखाना पाग बनाने के लिए सबसे पहले मखानों को कड़ाही में डालकर हल्का सा सेक लें। जब ये थोड़े से गर्म हों जाएं तो इन्हें मिक्सी में डालकर दरदरा पीस लें । इसके बाद कडाही में गरी डालें, इसे अच्छे से सेक लें और इसे भी थोड़ा सा पीस लें। अब एक बर्तन में चीनी और पानी डालकर चाशनी तैयार करें, जब चाशनी अच्छे से बन जाए तब इसमें गरी-मखाना डालें। अब एक थाली में थोड़ा सा घी लगाएं और इस मिश्रण को इसमें फैलाएं। जब ये जम जाए तब इसे टुकड़ों में काट लें। गरी-मखाना पाग बनकर तैयार है, ये कई दिनों तक खराब नहीं होता है आप इसे एयरटाइट डब्बे में भरकर कई दिनों तक काम में ले सकती हैं। वहीं अगर आप चाहें तो इसमें अन्य मेवे भी मिला सकती हैं, इससे इसका स्वाद और भी बढ़ जाता है।