सम-सामयिक

गांव-गांव तक डिजिटल शिक्षा

 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शब्दों के खेल मंे भी माहिर हैं। अभी हाल में अपने राजनीतिक प्रतिद्वन्द्वी राहुल गांधी को शक्ति शब्दा को लेकर जिस तरह घेरा था, उससे कांग्रेस ही नहीं विपक्षी गठबंधन भी हलकान हो गया था। गत दिनों माइक्रो साफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आवास पर भेंट की थी। डिजिटल की दुनिया के बादशाह बिलगेट्स के साथ भी मोदी ने शालीनता से शब्दों का खेल खेला और एक संदेश पूरी दुनिया को दिया। पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार भारत के गांव-गांव और हर बच्चे तक डिजिटल शिक्षा पहुंचाना चाहती है। इस अवसर पर मोदी ने कृत्रिम बुद्धि (एआई) के उपयोग पर चर्चा की और कहा हमारे देश का बच्चा इतना एडवांस है कि वह पैदा होते ही आई अर्थात माँ बोलता है। मोदी का इशारा था कि देश के कई राज्यों मंे माता को आई कहकर भी बुलाते हैं। बहरहाल, यह तो मजाक की बात हुई लेकिन पीएम मोदी डिजिटल इंडिया का लक्ष्य पूरा करना चाहते हैं क्योंकि विकसित भारत का सपना इसके बगैर अधूरा रहेगा।

आज मोबाइल हर हाथ में पहुंच गया है लेकिन उसका सदुपयोग कम और दुरुपयोग ज्यादा हो रहा है। इसलिए पीएम मोदी ने बिलगेट्स से एआई तकनीक के उपयोग पर बात की। वह चाहते हैं कि एआई सिर्फ मैजिक टूल न बनकर रह जाए। उन्होंने कहा कि एआई का उपयोग आलसी बनने के लिए भी न किया जाए। इसका कैसे उपयोग हो, इसके एक-दो उदाहरण भी मोदी ने दिये। उन्हांेने कहा तीन करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाना है और डिजिटल का उपयोग कर कृषि क्षेत्र को भी आधुनिक रूप दिया जा सकता है।

नई दिल्ली में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिल गेट्स की मुलाकात हुई। माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स के साथ अपने आवास पर मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने एआई के बढ़ते उपयोग, कोरोना वैक्सीनेशन, जलवायु परिवर्तन, स्वास्थ्य, शिक्षा, टेक्नोलॉजी समेत कई मुद्दों पर चर्चा की। पीएम मोदी ने कहा कि जब दुनिया कोरना की वैक्सीन नहीं दे पा रही थी, जब भारत ने कोविन एप के जरिए लोगों तक वैक्सीन पहुंचाई। इस एप से से समझना आसान था कि कौन सी वैक्सीन लेनी है और कौन सा टाइम स्लॉट वैक्सीन के लिए मिला है। भारत ने कोरना वैक्सीन का सर्टिफिकेट ऑनलाइन दिया। पीएम मोदी ने बिल गेट्स के साथ देश में एआई तकनीक के उपयोग पर बात की। उन्होंने कहा कि हमारे देश का बच्चा इतना एडवांस है, कि वह पैदा होते ही आई (कई राज्यों में मां को आई कहते हैं) और एआई भी बोलता है। पीएम मोदी ने कहा कि एआई के जरिए भाषा संबंधी दिक्कत भी दूर हो जाती है। उन्होंने बताया कि काशी में तमिल कार्यक्रम के दौरान आए तमिल लोगों से उनकी भाषा में बातचीत के लिए उन्होंने एआई का उपयोग किया। उन्होंने हिंदी में बात की और उसे एआई के जरिए तमिल भाषा में तमिलनाडु के लोगों तक पहुंचाया गया। हमें पता होना चाहिए कि इस टूल का इस्तेमाल कैसे करना है। मोदी ने कहा, अगर हम एआई को एक मैजिक टूल के रूप में करेंगे तो बहुत बड़ा अन्याय होगा, एआई का इस्तेमाल अपने आलसीपन को बचाने के लिए करता हूं तो ये गलत रास्ता है। मुझे तो चैटजीपीटी के साथ प्रतिस्पर्धा करनी चाहिए।

पीएम मोदी और बिल गेट्स के बीच स्वास्थ्य, कृषि और शिक्षा के क्षेत्र पर भी चर्चा हुई। बिल गेट्स ने कहा कि भारत सिर्फ टेक्नोलॉजी को ही नहीं अपना रहा है बल्कि सही मायने में आगे भी बढ़ रहा है। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत सरकार का लक्ष्य गांव-गांव तक, हर बच्चे तक डिजिटल शिक्षा पहुंचाना है। उन्होंने फैसला किया है कि वह भारत में डिजिटल विभाजन नहीं होने देंगे, डिजिटल बुनियादी ढांचे को गांवों तक लेकर जाएंगे। पीएम मोदी ने बिल गेट्स को अपने फ्यूचर लक्ष्य के बारे में भी बताया। पीएम मोदी ने बताया कि वह 3 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाना चाहते हैं। वह देश के कृषि क्षेत्र को भी आधुनिक बनना चाहते हैं। दोनों के बीच भारत की अध्यक्षता में पिछले साल हुए जी-20 शिखर सम्मेलन पर भी चर्चा हुई। पीएम मोदी ने कहा कि शिखर सम्मेलन से पहले इस पर व्यापक चर्चा की गई, इस सम्मेलन की कार्रवाई में कई मोड़ आए। पीएम मोदी ने कहा कि उनको लगता है कि अब सभी जी-20 के मूल उद्देश्यों के साथ जुड़ गए हैं और उनको मुख्यधारा में ला रहे हैं। वहीं बिल गेट्स ने कहा कि जी-20 कहीं ज्यादा समावेशी है, इसीलिए भारत को इसकी मेजबानी करते देखना बहुत ही शानदार रहा। बिल गेट्स ने पीएम मोदी से पूछा कि भारत की थीम टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में यह है कि यह सभी लोगों के लिए होनी चाहिए। इस सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि वह महिलाओं के लिए टेक्नोलॉजी में उनके अनुकूल चीजों को जोड़ना चाहते थे, क्योंकि महिलाएं चीजों को तेजी से एडॉप्ट करती हैं। उन्होंने ‘नमो ड्रोन दीदी’ और ‘3 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी’, कार्यक्रम लिए हैं। वह इनके जरिए साइकोलॉजिकल बदलाव लाना चाहते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि गांव की महिलाएं अब सिर्फ गाय-भैंस नहीं चराएंगी। वह उनके हाथों में तकनीक देना चाहते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि स्वास्थ्य, टेक्नोलॉजी और शिक्षा, उन्होंने गावों में 2 लाख आयुष्मान आरोग्य मंदिर बनवाए। उन्होंने स्वास्थ्य केंद्रों को मॉर्डन टेक्नोलॉजी के जरिए बड़े अस्पतालों के साथ जोड़ा। इसके जरिए सैकड़ों किमी दूर बैठा डॉक्टर भी सही इलाज दे रहा है। इससे लोगों का विश्वास बढ़ रहा है। जितना बड़े अस्पतालों में होता है, उतना आरोग्य मंदिरों में भी हो रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि डिजिटल प्लेटफॉर्म कमाल है।
केंद्र की मोदी सरकार को सत्ता में काबिज हुए 10 साल हो रहे हैं। 26 मई 2014 को भारी बहुमत के साथ सरकार बनाने के बाद पीएम मोदी ने कई अहम फैसले किए हैं, जिससे देश के आम नागरिकों को काफी फायदा पहुंचा है। इनमें मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसे कई अभियान शामिल है। चाहे डिजिटल इंडिया की बात हो या मेक इन इंडिया, देश में इन अभियानों से काफी विकास देखने को मिला है। डिजिटल इंडिया अभियान मोदी सरकार के बड़े अभियान में से एक माना जाता है। इस अभियान के चलते देश के गांव भी डिजिटल भारत का हिस्सा बनने लगे हैं। इसके चलते स्वास्थ्य, शिक्षा और न्यायिक सेवा आदि से जुड़े सरकार के कामकाम डिजिटल रूप से होने लगे हैं। वहीं, जनता ने भी डिजिटल इंडिया अभियान का साथ दिया है और डिजिटल ट्रांजैक्शन में विश्वास जताया है। इस अभियान की शुरुआत 1 जुलाई 2015 में हो गई थी, लेकिन पीएम मोदी द्वारा 2016 में की गई नोटबंदी के बाद डिजिटल ट्रांजैक्शन को गति मिली। (हिफी)

(मोहिता-हिफी फीचर)

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