सम-सामयिक

शिक्षा के महामंदिरों में कट्टरपंथ

 

देश के विश्वविद्यालयों में इन दिनों एक अजीब किस्म की असहिष्णुता और संकीर्णता से भरा चरमपंथी अराजकता का माहौल बनाने की साजिश की जा रही है। पिछले दिनों जहां गुजरात विश्वविद्यालय में रमजान की एक रात परिसर में तरावीह को लेकर विवाद हुआ और कथित तौर पर तरावीह कर रहे विदेशी छात्रों के साथ मारपीट की गई। इस विवाद में कई विदेशी छात्र चोटिल हुए। दूसरी वारदात उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में हाल ही में इंजीनियरिंग फैकल्टी के सामने हुई। होली खेल रहे छात्रों पर हमला कर उनके साथ जमकर मारपीट की गई। मौके पर पहुंचे पुलिस, प्रशासनिक अधिकारियों व विश्वविद्यालय प्रशासन के अफसरों ने स्थिति को नियंत्रित किया। होली खेलने की परमिशन मांगे जाने को लेकर विरोध में कुछ छात्रों ने प्रॉक्टर ऑफिस का घेराव किया था और होली खेलने की इजाजत नहीं देने की मांग की थी। कार्यक्रम की इजाजत देने के लिए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में प्रॉक्टर ऑफिस पर होली कार्यक्रम को लेकर मंथन किया गया था। पुलिस ने पीड़ित छात्रों की तहरीर पर 10 आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। एएमयू प्रशासन व पुलिस अधिकारियों ने कहा कि मामले की जांच कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं घटना की जानकारी होने पर बीजेपी कार्यकर्ता थाने पहुंचे और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरना दिया।जाहिर है कि इस तरह के मामलों का अध्ययन करने पर पता चलता है कि विश्वविद्यालयों में वातावरण खराब कर सांप्रदायिक तनाव के बीजारोपण का षडयंत्र चल रहा है। देश के विश्वविद्यालयों की अपनी गरिमा व प्रतिष्ठा बनी रहनी चाहिए। यदि इनमें सांप्रदायिकता और नफरत-घृणा का माहौल तैयार किया जा रहा है तो यह नितांत शर्मनाक बात है।

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि उत्तर प्रदेश की सरजमीं पर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में सामाजिक सद्भाव के पर्व होली को मनाने पर विवाद हुआ है। एएमयू के विकार उल मुल्क हाल में रह रहे एमए फाइनल वर्ष के छात्र आदित्य प्रताप सिंह बताते हैं कि 21 मार्च दोपहर ढाई बजे वह जाकिर हुसैन कालेज आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाजी के पार्क में मौजूद थे। साथ में अजय कुमार राजपूत, मोहित शर्मा, पुरुषार्थ सहित सैकड़ों हिंदू छात्र मौजूद थे तभी मिसवा कैसर, जकीउर्रहमान, जैद शेरवानी, शाहरुख सबरी, शोएह कुरैशी, अहमद मुस्तफा शेरवानी, अफ्फान शेरवानी, सहवान खान, फैसल त्यागी, अरसान सिद्दीकी अपने हाथों में पिस्टल, तमंचा व लाठी-डंडे लहराते हुए पार्क में घुस आए। ये लोग सैकड़ों की संख्या में थे। हिंदू देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए गाली गलौज की।

आदित्य व उनके साथियों ने विरोध किया तो कनपटी पर पिस्टल रख दी। कहा कि तुम हिंदुओं को अगर होली खेलना है तो हमें एक-एक हजार रुपये प्रतिमाह दिया करो। इससे डरकर आदित्य ने जेब में रखे साढ़े सात सौ रुपये दे दिए। इसके बावजूद आरोपितों ने आदित्य व उनके साथियों के साथ बुरी तरह मारपीट की। कमर में पिस्टल की बट से प्रहार किया। छात्रों ने भागकर जान बचाई।

छात्रों का आरोप है कि वह इंजीनियरिंग कॉलेज पर होली कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे तो वहां पहले से मौजूद कुछ छात्रों की भीड़ ने उनके और उनके साथियों के साथ मारपीट की। आरोप है कि कई छात्रों के पास अवैध हथियार थे। कई छात्र ऐसे थे जिनके विरुद्ध कई कई मुकदमे दर्ज है। उन्होंने आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग के साथ इस घटना के लिए एएमयू प्रशासन के माफी मांगने और होली कार्यक्रम आयोजित करने की मांग की।

एएमयू प्रॉक्टर डॉ वसीम अली ने बताया कि पूर्व में भी छात्रों के होली खेलने पर कोई रोक नहीं थी। इसलिए परमिशन की कोई जरूरत नहीं थी। आज भी एएमयू के विभिन्न कॉलेजों में छात्रों ने होली खेली है। छात्र गुटों के बीच मारपीट के मामले में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी जो सबूत मांगेंगे, उन्हें उपलब्ध कराया जाएगा। वहीं एएमयू प्रशासन पूरे मामले की सीसीटीवी कैमरे और अन्य साक्ष्यों के आधार पर जांच कर आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई करेगा।
एएसपी अमृत जैन ने बताया कि छात्रों के साथ हुई मारपीट के मामले में तहरीर के आधार पर 10 नामजद व अन्य के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। सीसीटीवी कैमरा के फुटेज और अन्य सबूतों के आधार पर जांच कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। महापौर शकुंतला भारती ने कहा कि एएमयू में होली खेली जाएगी। अगर किसी ने भी रोकने की हिम्मत की तो इसका जवाब देना जानते हैं। चेतावनी दी कि 12 घंटे के अंदर आरोपित छात्रों की गिरफ्तारी नहीं की तो थाना सिविल लाइन पर अनशन करेंगे।

याद रहे कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी 35 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स, अलीगढ़ से बाहर केरल, पश्चिम बंगाल और बिहार में कैंपस मौजूदा है। यूनिवर्सिटी का 103 साल का गौरवशाली इतिहास है। शानदार शैक्षणिक रिकॉर्ड। सभी जाति-धर्म के छात्रों को एडमिशन की व्यवस्था है फिर भी विवादों से गहरा नाता है। सिमी की स्थापना, अफजल गुरु को शहीद का दर्जा, जिन्ना की तस्वीर, भारत के टुकड़े करने की बात, हिन्दू बेटियों को पीतल का हिजाब पहनाने की धमकी जैसे विवाद आम हैं। खास बात कि कई विवादों के बावजूद यहां से जिन्ना की तस्वीर हटी नहीं है। शिक्षक ने खुलेआम अपनी क्लास में ही हिन्दू देवी-देवताओं को लेकर अनेक आपत्तिजनक बातें कीं। स्टूडेंट्स ने जब शिक्षक का विरोध किया तो वे खफा हो गए और अपनी बात को जायज ठहराने लगे। मामला फारेंसिक साइंस विभाग से जुड़ा था। क्लास खत्म होने के बाद यह मामला कैंपस में उछला और बाहर भी पहुंच गया। बवाल होने लगा। हिन्दू संगठनों के धरना-प्रदर्शन, विरोध के बाद शिक्षक के खिलाफ मुकदमा लिखा गया और विश्वविद्यालय प्रशासन ने निलंबित भी किया था तब जाकर बवाल शांत हुआ। इसका असर देश के अन्य हिस्सों में भी देखा गया था।

उधर, गुजरात विश्वविद्यालय में भूटान अफगानिस्तान श्रीलंका उज्बेकिस्तान बांग्लादेश सीरिया समेत दर्जनों देशों के छात्र पढ़ाई करते हैं उन पर तरावीह की नमाज करते समय कुछ बाहरी तत्वों द्वारा मारपीट करना देश की सर्वधर्म सदभाव की राष्ट्रीय नीति के खिलाफ है, इस तरह की ओछी संकीर्णता भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने का काम करती है।

सवाल फिर वही है कि गुजरात विश्वविद्यालय हो या अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी कट्टरपंथी क्यों हावी हो रहे हैं? क्या वजह है कि आए दिन यहां राष्ट्र विरोधी तत्व अपनी गंदी मानसिकता का परिचय देते हैं। जरूरत इस बात की है कि ऐसे तत्वों को कड़ा सबक दिया जाए और यूनिवर्सिटी का माहौल कट्टरता से मुक्त कराया जाए। (हिफी)

(मनोज कुमार अग्रवाल-हिफी फीचर)

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