सम-सामयिक

अब क्या जेल से चलेगी दिल्ली की सरकार!

 

ईडी और दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री केजरीवाल के बीच लंबे समय से शराब घोटाला मामले को लेकर चल रहा चूहा-बिल्ली का खेल 21 मार्च को अपने पटाक्षेप पर पहुंच गया और कई माह से ईडी के समन की उपेक्षा कर रहे अरविंद केजरीवाल को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया। ईडी की टीम शराब घोटाले मामले में पूछताछ के लिए केजरीवाल के आवास पर पहुंची थी। पूछताछ के बाद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया गया है। बताया जा रहा है कि केजरीवाल को ईडी के दफ्तर ले जाया गया है। केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या अब वो मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे? क्या अब दिल्ली को नया मुख्यमंत्री मिलने जा रहा है? हालांकि दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा है कि गिरफ्तारी के बाद केजरीवाल जेल से ही सरकार चलाएंगे।सवाल को समझने के लिए हाल ही में झारखंड में हुए घटनाक्रम को देखा जा सकता है। झारखंड में भी दिल्ली जैसा ही मामला सामने आया था। भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले में ईडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को कई समन जारी किए। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के बाद हेमंत सोरेन ने राजभवन जाकर राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। इसके बाद झारखंड में चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। झारखंड के हाल ही में हुए इस राजनीतिक घटनाक्रम के बाद दिल्ली में भी संशय बढ़ गया है लेकिन केजरीवाल के इस्तीफा को लेकर अभी तक कुछ भी साफ तौर पर नहीं कहा गया है।

केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट से याचिका वापस ले ली। निचली अदालत में जाएंगे। झारखंड के घटनाक्रम के साथ-साथ दिल्ली में भी दो ऐसे उदाहरण हैं, जिससे केजरीवाल के इस्तीफा देने की आशंका बढ़ जाती है। मनीलॉन्ड्रिंग मामले में ईडी दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी के दो नेता मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। गिरफ्तारी के बाद सिसोदिया ने उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, वहीं सत्येंद्र जैन ने भी स्वास्थ्य मंत्री के पद से इस्तीफा दिया था। ऐसे में अब उनकी ही पार्टी के मुखिया की गिरफ्तारी के बाद उनके इस्तीफे की भी चर्चा काफी तेज हो गई है। विपक्षी दल भी केजरीवाल के इस्तीफे की मांग कर रहे है शराब घोटाले मामले में एक के बाद 9 समन की अनदेखी करने के बाद आखिरकार ईडी ने केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया। आम आदमी पार्टी लगातार ये दावा करती कि ईडी सीएम केजरीवाल को गिरफ्तार करना चाहती है। कुछ महीने पहले आम आदमी पार्टी ने एक कैंपेन भी चलाया था, जिसमें लोगों से पूछा गया था कि अगर केजरीवाल को गिरफ्तार किया जाता है, तो उन्हें जेल से सरकार चलानी चाहिए या फिर इस्तीफा देना चाहिए? वहीं आतिशी के साथ-साथ विधानसभा स्पीकर राम निवास गोयल ने भी कहा कि गिरफ्तारी के बाद केजरीवाल जेल से ही दिल्ली सरकार चलाएंगे। फिलहाल आम आदमी पार्टी के रुख और पार्टी नेताओं के बयानों से तो यही लग रहा है कि केजरीवाल जेल से ही सरकार चलाएंगे। बतादें कि सीएम केजरीवाल ने दिल्ली हाई कोर्ट में नई याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने गुहार लगाई कि उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाए। वह जांच में शामिल होने को तैयार हैं। हाईकोर्ट ने उन्हंे कोई राहत नहीं दी।

ईडी की इस कार्रवाई के बाद विपक्षी गठबंधन के तेवर बेहद आक्रामक हो गए हैं। विपक्षी दलों के नेताओं ने इस कार्रवाई को लोकतंत्र के खिलाफ और विपक्ष के खिलाफ सत्ताधारी पार्टी की साजिश बताया है। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि जो खुद हैं शिकस्त के खौफ में कैद, वो क्या करेंगे किसी और को कैद। उन्होंने कहा कि भाजपा जानती है कि वो फिर दुबारा सत्ता में नहीं आनेवाली, इसी डर से वो चुनाव के समय, विपक्ष के नेताओं को किसी भी तरह से जनता से दूर करना चाहती है, गिरफ्तारी तो बस बहाना है। पूर्व सीएम ने कहा कि ये गिरफ्तारी एक नयी जन-क्रांति को जन्म देगी।

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी बेहद आपत्तिजनक है। यह कार्रवाई चुनाव प्रक्रिया के स्तर पर विपक्षी आवाज को बंद करने के प्रयास का हिस्सा है। इधर, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भाजपा पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा विपक्ष को हर तरह से चुनाव के पहले गैर कानूनी तरीके से कमजोर करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने इस दौरान कांग्रेस पार्टी के बैंक खाते सीज का भी मामला उठाया। खरगे ने कहा कि भाजपा को अगर सच में जीत का भरोसा होता तो संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग करके मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस पार्टी का बैंक खाता सीज नहीं किया जाता।

अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के साथ ही आम आदमी पार्टी की लीगल टीम ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। आप ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने कहा कि हमने ईडी द्वारा दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।

बता दें कि ईडी के 6 से 8 अधिकारी सीएम केजरीवाल के घर पहुंचे थे, ईडी की टीम 10वां समन देने आई थी। ईडी इसके पहले भी सीएम केजरीवाल को 9 समन दे चुकी थी। 21 मार्च को केजरीवाल को 10वां समन दिया गया है। सीएम आवास पर कई अधिकारी पहुंचे थे। इसके बाद ईडी के जॉइंट डायरेक्टर ने सीएम केजरीवाल से पूछताछ की। सीएम से पूछताछ पीएमएलए की धारा 50 के तहत की गई। इसी दौरान ऐसी आशंका जताई गई थी कि ईडी केजरीवाल को अरेस्ट कर सकती है। लिहाजा सीएम आवास के आसपास बैरिकेडिंग कर दी गई थी। ईडी ने 2 घंटे तक केजरीवाल से पूछताछ की। वहीं, दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि केजरीवाल गिरफ्तारी के बाद भी इस्तीफा नहीं देंगे। गिरफ्तारी से कुछ घंटे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की प्रवर्तन निदेशालय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका रात 8.57 बजे दाखिल हो गई थी। केजरीवाल के वकीलों की टीम ने सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री से सम्पर्क किया था। रजिस्ट्रार ने उनको इंतजार करने को कहा था। बाद में लीगल टीम ने तय किया कि आज सुनवाई के लिए जोर नहीं देंगे। देर रात गए ये स्पष्ट हो गया कि सुप्रीम कोर्ट केजरीवाल की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा। शीघ्र सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस की कोर्ट में मुकदमा मेंशन किया जाएगा। होली की छुट्टी से पहले शुक्रवार को नियमित सुनवाई का आखिरी दिन है। शनिवार से अगले रविवार तक 9 दिन तक अवकाश रहेगा। सुप्रीम कोर्ट में मेंशनिंग से संबंधित ड्यूटी रजिस्ट्रार ने कहा कि केजरीवाल के वकीलों का मैसेज आया था। हमने उसे सीजेआई ऑफिस को भेज दिया। सीजेआई ऑफिस से मैसेज आ गया कि आज रात सुनवाई नहीं हो पाएगी। शुक्रवार की सुबह केजरीवाल के वकील सुप्रीम कोर्ट के सामने मेंशन करने गये। इस बीच अरविन्द केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी अर्जी वापस ले ली। केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने बताया कि दरअसल केजरीवाल की रिमांड और सुप्रीम कोर्ट के समक्ष उनकी याचिका एक-दूसरे से क्लैश कर रही थी। (हिफी)

(मनोज कुमार अग्रवाल-हिफी फीचर)

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button