राजनीति

ममता बनर्जी को चुनाव के समय झटका

 

विपक्षी नेताओं मंे भाजपा से मुकाबला करने का जोश तो बहुत पहले ठण्डा हो चुका था जब इंडिया गठबंधन के घटक दल अलग हो गये थे। विशेष रूप से नीतीश कुमार अपनी पार्टी जद(यू) के साथ अलग हो गये और भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना ली। इसी तरह पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी अकेले पड़ गयी थीं क्योंकि कांग्रेस ने वामपंथी दलों के साथ समझौता किया। इतना ही नहीं कांग्रेस और माकपा के नेता ममता सरकार के हर कदम का विरोध करते थे। इसलिए ममता बनर्जी ने अकेले दम पर आम चुनाव 2024 मंे भाजपा से मुकाबले की तैयारी की और वह मुकाबले मंे दिख भी रही थीं लेकिन कलकत्ता हाईकोर्ट के एक फैसले ने चुनाव के दरम्यान ममता बनर्जी को जोर का झटका दिया है। भाजपा ममता बनर्जी की सरकार को भी भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेरना चाहती थी क्योंकि आम आदमी पार्टी के नेता अरविन्द केजरीवाल, झारखंड मुक्ति मोर्चे के नेता और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव जैसे नेताओं पर भाजपा भ्रष्टाचारी होने का खुलकर आरोप लगा ही रही थी। अब कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल मंे शिक्षक भर्ती परीक्षा-2016 को रद्द घोषित कर दिया है। भाजपा इस घोटाले को चुनाव का मुद्दा पहले से ही बनाए हुए थी। शिक्षक भर्ती घोटाले मंे ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) 230 करोड़ रुपये की प्रापर्टी जब्त कर रखी है। कई जगह छापेमारी भी की गयी है। ध्यान रहे कि 2016 में 24640 रिक्त पदों पर 23 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने एसएलएसटी परीक्षा दी थी। भर्ती प्रक्रिया मंे अनियमितता के आरोप लगे थे। राज्य मंे लोकसभा चुनाव 7 चरणों मंे कराए जा रहे हैं।

पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को कलकत्ता हाईकोर्ट की तरफ से बड़ा झटका लगा है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने 2016 की शिक्षक भर्ती को रद्द कर दिया है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा सहायता प्राप्त विद्यालयों में राज्य स्तरीय चयन परीक्षा-2016 (एसएलएसटी) की चयन प्रक्रिया को अमान्य घोषित कर दिया और इसके जरिए हुई सभी नियुक्तियों को रद्द करने का आदेश दिया। न्यायमूर्ति देबांग्शु बसाक और न्यायमूर्ति मोहम्मद शब्बार राशिदी की खंडपीठ ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को नियुक्ति प्रक्रिया के संबंध में और जांच करने तथा तीन महीनों में एक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया। पीठ ने पश्चिम बंगाल विद्यालय सेवा आयोग को नयी नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश भी दिया।

2016 की भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा प्रायोजित और सहायता प्राप्त माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में उम्मीदवारों के चयन में कथित अनियमितताओं से संबंधित याचिकाओं और अपीलों पर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट के आदेश पर मामले की जांच करने वाली केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने कथित घोटाले के मामले में राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) में पदों पर रहे कुछ पदाधिकारियों को गिरफ्तार भी किया था। पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में 6 अलग-अलग जगहों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी की गयी। प्रसन्ना कुमार रॉय की गिरफ्तारी के बाद इस छापेमारी को बेहद अहम माना जा रहा है। प्रसन्ना पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी का करीबी हैं। पिछले दिनों इस घोटाले से जुड़े व्यापारियों, चार्टर्ड अकाउंटेंट और अन्य लोगों के आवासों और कार्यालयों की तलाशी ली गई थी। इस घोटाले में कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश के बाद ईडी और सीबीआई दोनों कथित अनियमितताओं की जांच कर रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच के सिलसिले में कोलकाता और उसके आस-पास के इलाकों में कई स्थानों पर छापे मारे। शहर के उत्तरी हिस्से में नागेरबाजार इलाके में एक लेखाकार के आवास पर छापेमारी की गई। प्रवर्तन निदेशालय ने घोटाले में कथित तौर पर शामिल कुछ व्यवसायियों, शिक्षकों और बिचैलियों के राजारहाट इलाके में स्थित आवासों पर भी छापे मारे। प्रवर्तन निदेशालय करोड़ों रुपए के इस घोटाले में धन के लेन-देन के संबंध में जांच कर रहा है। छापेमारी इसी जांच के तहत की गई है।

पश्चिमी बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 230.6 करोड़ रुपये की प्रोपर्टी भी अटैच की है। प्रवर्तन निदेशालय ने 230.6 करोड़ रुपये कीमत की जमीन और फ्लैट को जब्त किया है। जब्त की गई प्रोपर्टी आरोपी प्रसन्ना कुमार रॉय, शांति प्रसाद सिन्हा और कुछ अन्य कंपनियों के नाम पर थी। प्रसन्ना रॉय के नाम पर 96 कट्ठा पथरघाटा, 117 कट्ठा सुल्तानपुर, 282 कट्ठा महेशतला और 136 कट्ठा न्यू टाउन में मौजूद है, जिन्हें म्क् ने जब्त किया है। वहीं शांति प्रसाद सिन्हा की कपशती इलाके में स्थित जमीन और पूरब जादाबपुर में स्थित फ्लैट जब्त किया गया है। ईडी ने नौंवी से लेकर बाहरवीं क्लास के शिक्षकों की भर्ती में हुए घोटाले को लेकर पहले से दर्ज 2 अलग-अलग मामलों के तहत तफ्तीश शुरू की थी। सीबीआई की जांच में पता चला था कि 2081 शिक्षकों की भर्ती तमाम अनियमितताओं को नजरअंदाज करते हुए की गई थी।

ईडी इस घोटाले में पहले ही प्रसन्ना रॉय और शांति प्रसाद को गिरफ्तार कर चुकी है। प्रसन्ना रॉय ने इस घोटाले में बिचैलिए की भूमिका अदा की थी, मतलब उसका काम था भर्ती के नाम पर कैंडिडेट्स से उनकी डिटेल और पैसा इकट्ठा करना। वहीं शांति प्रसाद सिन्हा वेस्ट बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन में तत्कालीन एडवाइजर थे। इससे पहले शिक्षक घोटाले में म्क् ने 135 करोड़ रुपये कीमत की अटेचमेंट की है, अब कुल मिलाकर 365.60 करोड़ रुपये की अटेचमेंट हो चुकी है।

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कोलकाता हाईकोर्ट से यह बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने 2016 में राज्य के स्कूलों में हुए करीब 25 हजार से ज्यादा टीचर्स और नॉन टीचिंग स्टाफ की भर्तियों को रद्द करने का फैसला सोमवार (22 अप्रैल) को सुनाया है। 2016 में स्टेट लेवल टेस्ट के जरिए टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ की भर्ती हुई थी जिसे अब अदालत ने रद्द कर दिया है। अदालत ने भर्ती प्रक्रिया में हुए अनियमितताओं के कारण यह बड़ा फैसला सुनाया है। इस मामले में पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी भी हुई थी। अदालत ने मामले पर फैसला सुनाते हुए राज्य के 25 हजार से ज्यादा भर्तियां रद्द कर दी है। इसके अलावा अदालत ने ममता सरकार को 6 हफ्ते के भीतर सभी टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ की सैलरी लौटाने का आदेश दिया है। बता दें कि इन शिक्षकों की भर्ती के लिए 5 से 15 लाख रुपये घूस लेने का आरोप लगा था। बंगाल में साल 2016 में माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्कूलों में टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ की भर्ती हुई थी। स्टेट लेवल टेस्ट के जरिए हुए इन भर्तियों में अनियमितता के कई आरोप लगें। परीक्षार्थियों ने परीक्षा में फेल होने और कम अंक मिलने वाले कैंडिडेट्स को भी नौकरी मिलने की शिकायत की थी। (हिफी)

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)

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