राजनीति

यूपी में स्वास्थ्य सेवाओं का नया आयाम

 

निजी नर्सिंग कालेजों मंे नर्सिंग और सहायक नर्सेज, एण्ड मिडवाइफ (एएनएम) का प्रशिक्षण लेने वाले युवाओं को उत्तर प्रदेश मंे सरकार ने एक विशेष सुविधा दी है। नर्स और एएनएम अस्पतालों की महत्वपूर्ण अंग हैं और कितने ही युवा इनसे रोजगार की उम्मीद लगाये रहते हैं। उत्तर प्रदेश की सरकार ने अब नर्सिंग और एएनएम को सरकारी अस्पतालों मंे प्रशिक्षण का अवसर प्रदान किया है। यूपी के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याणस विभाग के महानिदेशक प्रशिक्षण डा. नरेन्द्र अग्रवाल ने गत 17 मार्च को इस प्रकार का आदेश जारी किया है। प्रदेश मंे एएनएम दो वर्षीय कोर्स के 403 प्रशिक्षण केन्द्र हैं जहां 16930 युवा प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। इसी प्रकार जीएनएम तीन वर्षीय कोर्स के लिए 387 प्रशिक्षण केन्द्र हैं, जहां 17924 युवा प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं और बीएससी नर्सिंग के चार वर्षीय कोर्स 387 प्रशिक्षण केन्द्र हैं जहां 11750 युवा प्रशिक्षण ले रहे हैं। इस प्रकार 50 हजार से ज्यादा नर्सिंग प्रशिक्षुओं को सरकारी अस्पतालों में प्रशिक्षण का अवसर मिलेगा। प्रदेश मंे स्वस्थ्य सेवाओं मंे योगी आदित्यनाथ की सरकार ने विशेष प्रयास किये हैं। गत दिनों (16 मार्च) गोरखपुर में योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि यूपी पहले दवाओं का उपभोक्ता था लेकिन अब उत्पादक
और निर्यातक बनेगा। यूपी ने मेडिकल कालेजों की स्थापना का भी एक रिकार्ड बनाया है। प्रदेश मंे विकास कार्यों का शिलान्यास और उद्घाटन होता ही
रहता है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों गोरखपुर में कहा कि उत्तर प्रदेश पहले दवा क्षेत्र का उपभोक्ता था लेकिन अब यह दवाओं का उत्पादक और निर्यातक बनेगा। योगी आदित्यनाथ ने मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूटी) में 24.69 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली फार्मेसी बिल्डिंग के शिलान्यास एवं स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के तहत 4000 विद्यार्थियों के टैबलेट अथवा स्मार्टफोन वितरण समारोह में यह बात कही। उन्होंने कहा, उत्तर प्रदेश औषधि क्षेत्र में पहले उपभोक्ता राज्य था। दवाएं व अन्य जरूरी मेडिकल उत्पाद बाहर से आते थे। अब यूपी औषधि क्षेत्र का उत्पादक और निर्यातक बन जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्य सरकार ललितपुर में 2000 एकड़ क्षेत्र में फार्मा पार्क बना रही है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में मेडिकल डिवाइस पार्क भी बन रहा है। इस परियोजना के दूरगामी परिणामों की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे दवाओं के क्षेत्र में युवाओं को भी व्यापक अवसर उपलब्ध होंगे।
योगी आदित्यनाथ ने कहा, आज से सात साल पहले भी उप्र में सबकुछ था लेकिन आगे बढ़ने के संकल्प का अभाव था। प्रदेश वही है, लोग वही हैं, मशीनरी भी वही है लेकिन कार्य संस्कृति बदली तो परिणाम सबके सामने है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश नया और बदला हुआ प्रदेश नजर आता है। यह प्रगति और निवेश का प्रदेश बन गया है। यहां हरेक क्षेत्र में पर्याप्त अवसर और आगे बढ़ने की संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा, श्जहां चुनौतियां होंगी, वहां संभावनाएं भी होती हैं। संभावनाओं और अवसर से कभी चूकना नहीं
चाहिए।

मुख्यमंत्री कहते हैं कि ‘‘राजनीति का अपराधीकरण तंत्र में सबसे बड़ी बाधा थी। लेकिन हमने राजनीति का अपराधीकरण नहीं होने देने का संकल्प ले रखा है। हम किसी को भी अपने नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं करने देंगे। जो भी युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश करेगा, उसे उसकी कीमत चुकानी होगी। डबल इंजन सरकार पूरे संकल्प के साथ इस दिशा में काम करती है।

उत्तर प्रदेश में कुल 35 सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं। इनमें से 13 नए मेडिकल कॉलेज हैं, जो 2023-24 सत्र से शुरू हुए। इन नए मेडिकल कॉलेजों में 1000 एमबीबीएस सीटें हैं।

उत्तर प्रदेश में 59 जिलों में 65 मेडिकल कॉलेज हैं, जिनमें 35 सरकारी और 30 निजी हैं। 16 जिले ऐसे हैं जहां कोई मेडिकल कॉलेज नहीं है और लखनऊ जैसे जिले हैं जहां छह से अधिक हैं। प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में कराई जा रही है। चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक किंजल सिंह की ओर से सभी मेडिकल कॉलेजों को इसका सख्ती से पालन कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं।

ऐसे में न सिर्फ मातृभाषा को बढ़ावा मिलेगा बल्कि ऐसे विद्यार्थी जो ग्रामीण क्षेत्रों से आते हैं या उनकी अंग्रेजी कमजोर है तो उन्हें बड़ी राहत मिलेगी। एमबीबीएस कोर्स की हिंदी में भी किताबें हैं, लेकिन ज्यादातर मेडिकल कॉलेजों में अंग्रेजी में ही लेक्चर दिया जाता है। अब चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक की ओर से सभी मेडिकल कॉलेजों को निर्देश दिए जाने के बाद यहां शिक्षकों को हिंदी में पढ़ाई करानी होगी। कई बार अंग्रेजी में कमजोर होने के कारण विद्यार्थी पाठ्यक्रम को ढंग से समझ नहीं पाते और वह फेल हो जाते हैं। अब ऐसा नहीं होगा वह आराम से पढ़ाई कर सकेंगे और हिंदी भाषा में ही परीक्षा में सवालों का जवाब भी दे सकेंगे। उत्तर प्रदेश में फरवरी 2023 को हुई इन्वेस्टर समिट के दौरान मेसर्स क्यू लाइन बायोटेक प्रालि (पीओसीटी) ग्रुप द्वारा यूपी में निवेश करने की बात कही गई थी। अब इसी क्रम में मेसर्स क्यू लाइन बायोटेक प्रा. लि. द्वारा लखनऊ में मेडिकल डिवाइस बनाने की यूनिट लगाई गई है। लखनऊ क्षेत्र में चिकित्सकीय उपकरणों के निर्माण की यूनिट ने उत्तर प्रदेश को भारत में एक विशेष स्थान प्रदान कराया है।

यूपी की योगी सरकार के विकास परियोजना के प्रोत्साहन स्वरूप आत्मनिर्भर प्रदेश की दिशा में उद्योगों की स्थापना और संचालन किए जा रहे हैं। यूपी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना इन्वेस्टर समिट के तहत निवेश परियोजना के अंतर्गत मेसर्स क्यू लाइन बायोटेक प्रा लि (पीओसीटी) ग्रुप द्वारा मेडिकल डिवाइस यूनिट की स्थापना लखनऊ में हुई है। यूपी में हुए ग्लोबल इनवेस्टर समिट के दौरान मेसर्स क्यू लाइन बायोटेक प्रा लि (पीओसीटी) ग्रुप द्वारा 500 करोड़ रुपये का निवेश किए जाने का वादा किया था।

यूपी के लखनऊ में मेडिकल डिवाइस बनाने की यूनिट लगी है जिसके पहले चरण में 200 करोड़ का निवेश किया जा रहा है। मेसर्स क्यूलाइन बायोटेक प्रालि और मेसर्स एलीटेक ग्रुप की तरफ से स्ट्रेटीजिकल कोलैबोरेशन करके विश्व स्तरीय उपकरणों के निर्माण उद्योग का निरीक्षण और संतोषजनक किया गया जिसके क्रम में प्रथम चरण में 200 करोड़ का निवेश किया जा रहा है। मेसर्स क्यूलाइन बायोटेक प्रालि (पीओसीटी) ग्रुप लखनऊ और मेसर्स एलीटेक ग्रुप की तरफ से स्ट्रेटीजिकल कोलैबोरेशन करके आज दिनांक 06।12।2023 को विश्व स्तरीय उपकरणों के निर्माण उद्योग का निरीक्षण और संतोषजनक सत्यापन किया गया है। इस निरीक्षण समारोह में एलीटेक ग्रुप के कई प्रमुख अधिकारी भी उपस्थित थे। इस निर्माण उद्योग की स्थापना से पीएम मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ की आत्मनिर्भर भारत की योजना के अंतर्गत अवाम को रोजगार सृजन और क्षेत्र विकास में देश और प्रदेश को बहुतायत रूप से सहायता प्राप्त है। इसके साथ-साथ नए भारत निर्माण में एक अनुकरणीय स्थान भी प्राप्त होगा। (हिफी)

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)

 

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