धर्म-अध्यात्म

इस तरह होगी रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा

 

माना जा रहा है कि लगभग 500 साल बाद मर्यादा पुरषोत्तम राम अपने घर विराजमान होने वाले हैं। आने वाली 22 जनवरी के दिन श्रीराम के बाल स्वरूप की प्राण प्रतिष्ठा होगी। बाद में करोड़ों राम भक्त मंदिर में जाकर उनकी पूजा-अर्चना कर पाएंगे। सनातन धर्म में प्राण प्रतिष्ठा का विशेष महत्व होता है। माना जाता है कि प्राण प्रतिष्ठा करने से भगवान की प्रतिमा जीवित हो उठती है। प्राण प्रतिष्ठा की पूजा का विधान है कि यह पूजा पांच या सात लोगों के द्वारा होती है। सबसे पहले मूर्ति का शैयावास कराया जाता है। सबसे पहले भगवान गणेश का ध्यान किया जाता है कि वे किसी भी तरह की बाधा या विघ्न को दूर करें। विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लम्बोदराय सकलाय जगद्धितायं।

नागाननाय श्रुतियज्ञविभूषिताय गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते मंत्र का जाप किया जाता है। इसके बाद नौ ग्रहों की पूजा होती है। पांचवे दिन नगर भ्रमण किया जाता है। नगर भ्रमण के बाद प्राण प्रतिष्ठा होती है। पूरी प्रक्रिया को संक्षेप में समझें तो सबसे पहले रामलला की मूर्ति की शुद्धि की जाएगी, इसके बाद नगर भ्रमण करवाया जाएगा और फिर प्राण प्रतिष्ठा संपन्न की जाएगी जिसके बाद करोड़ों राम भक्त रामलला की मूर्ति के दर्शन कर पाएंगे।

देश भर में इस समय 22 जनवरी 2024 का इंतजार किया जा रहा है। यह दिन भारत के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा क्योंकि 22 जनवरी 2024 को अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। प्राण प्रतिष्ठा से एक हफ्ते पहले ही अयोध्या में कई कार्यक्रमों की शुरुआत हो जाएगी। 16 जनवरी से लेकर 22 जनवरी तक पूरे विधि-विधान से रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी। प्राण प्रतिष्ठा से पहले 17 जनवरी 2024 को मूर्ति के दर्शन किए जाएंगे। जब अयोध्या में रामलला की मूर्ति की यात्रा निकाली जाएगी, तो उनकी आंखों पर पट्टी बंधी रहेगी। ज्योतिष के जानकारों के अनुसार, जब कोई भक्त भगवान के दर्शन करता है तो वो भगवान की आंखों में देखता है। ऐसे में भगवान – भक्त के भाव का आदान-प्रदान होता है। कहा जाता हैं भगवान की आंखों में देखते है तो भगवान भी अपने भक्त के भाव में वशीभूत हो जाते हैं, इसलिए अयोध्या में जब रामलला की यात्रा निकलेगी तो श्रीराम की आंखों पर पट्टी बांधी जाएगी, फिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद ही उनकी आंखों से ये पट्टी खोली जाएगी।

हजारों-लाखों लोग अयोध्या की पैदल यात्रा कर रहे हैं। अयोध्या में जो भव्य राम मंदिर बन रहा है उसमें 44 अलग-अलग प्रवेश द्वार हैं। रामलला मंदिर परिसर की 70 एकड़ जमीन में गुरुओं को समर्पित मंदिर का निर्माण किया जाएगा। 70 एकड़ में फैला यह मंदिर तीन मंजिल का होगा। हर मंजिल की ऊंचाई 20 फुट होगी। मंदिर तक पहुंचने के लिए भक्तों को 32 सीढ़ियां चढ़नी होंगी और मंदिर परिसर का लगभग 70 फीसद भाग हरे-भरे पेड़ों से सुसज्जित होगा। (हिफी)

(पं. आर.एस. द्विवेदी-हिफी फीचर)

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